रिपोर्ट – पल्लवी त्रिपाठी
नई दिल्ली : वैलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी से हो गई है । आज यानी 9 फरवरी को वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन है । जिस दिन कपल चॅाकलेट डे के रूप में मनाते हैं और एक-दूसरे को चॅाकलेट गिफ्ट करते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस चॅाकलेट के साथ आप चॅाकलेट डे मनाते हैं, उसका इतिहास करीब 4000 साल पुराना है ।
जैसा कि हमें मालूम है कि चॉकलेट कोको से बनाया जाता है । लोगों का मानना है कि सबसे पहले इसका आविष्कार अमेरिका में हुआ था क्योंकि कोको के पेड़ को सबसे पहले वहीं के जंगलों में पाया गया था । हालांकि. आज दुनियाभर में सबसे ज्यादा कोको की आपूर्ति करने वाला देश अफ्रीका है । जहां से दुनियाभर में 70 फीसदी कोको की आपूर्ति होती है ।
जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले अमेरिका में चॉकलेट बनाया जाता था लेकिन शुरुआती समय में इसके स्वाद में कुछ तीखापन था । दरअसल, अमेरिकन इस चॅाकलेट को बनाने के लिए कोको के बीज के साथ कुछ मसाले और मिर्च भी पीस कर डाल देते थे, जिससे इसका स्वाद तीखा हो जाता था ।
उस दौरान इसे एक पेय के रूप में इस्तेमाल किया जाता था । कुछ समय बाद एक वैज्ञानिक डॉ. सर हैस स्लोने ने इस पेय पर कुछ प्रयोग किए और चॅाकलेट की एक नई रेसिपी तैयार की । वैज्ञानिक की नई रेसिपी के प्रयोग से पेय पदार्थ को सॉलिड फॉर्म में बनाया गया । इसका नाम रखा गया था कैडबरी मिल्क चॉकलेट.। जिसमें न केवल चॅाकलेट के रूप रंग को बदला गया बल्कि इसके स्वाद में भी बदलाव किया गया । वैज्ञानिक के नए प्रयोग के बाद चॅाकलेट में तीखे पन का नामों निशान नहीं रह गया ।