{ चित्रकूट से सचिन वंदन की रिपोर्ट }
लॉक डाउन के दुसरे चरण में आज से ग्रीन जोन के शहरो में मिलने वाली रियायतों के बीच धर्मनगरी चित्रकूट में पहले दिन कोई ख़ास तब्दीलियां देखने को नहीं मिली हैं।
चित्रकूट में गल्ला मंडी, सब्ज़ी मंडी, समेत अन्य प्रमुख आवश्यक दुकानों फर्मो को खोल तो दिया गया है लेकिन ग्राहकों की संख्या नगण्य होने के चलते व्यापारियों में राहत के प्रति उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।
वहीँ कई ऐसे धंधे जिन्हे रियायत के चलते व्यापार को शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं बावजूद इसके कई व्यापारियों, मकैनिकों ने स्थितियां जस की तस बनाई रखीं हैं। इनमे से कई लॉक डाउन का पालन बनाये रखने का इरादा बनाये हुए हैं तो कई अभी इस राहत भरी खबर से अनजान भी हैं।
वहीँ मुख्यालय में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है तो इक्का दुक्का गाडी मकैनिकों ने भी कार्य शुरू कर दिया है लेकिन उनका कहना है कि लॉक डाउन है ग्राहकों का आना जाना ही नहीं हो पा रहा है तो कोई ख़ास फायदा नहीं हैं।
फल, सब्ज़ी विक्रेताओं की माने तो इस लॉक डाउन से उनका अब तक कई लाखों का नुक्सान हुआ है आलम ऐसा भी रहा कि फलो को सड़ने के चलते फेकना तक पड़ा है, लेकिन आज से मिली रियायत के बाद आहिस्ता आहिस्ता बाजार में रौनक आएगी।
फिलहाल ज़िले का हर व्यापारी वर्ग शासन की मंशा के साथ है और इस महामारी में कोरोना को हराने के लिए लॉक डाउन का साथ देता है। कृषि कार्य में भी आज पहले दिन तेज़ी देखने को मिल रही है सड़को पर दौड़ते हुए खेतो की तरफ जा रहे कृषि यंत्रो के वाहन इस रियायत में ख़ुशी का इज़हार करते देखे जा सकते हैं।
वहीँ सरकारी दफ्तरों में भी अधिकारी, कर्मचारियों की शासन के मंशानुरूप ३३% उपस्थिति हो रही है और सभी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए दफ्तरों में कार्य कर रहे हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो लॉक डाउन में रियायत का ये पहला दिन फिलहाल कुछ ख़ास तब्दीली भरा नहीं रहा लेकिन माहौल के मुताबिक़ आने वाले कुछ दिनों में स्थितियां पहले जैसी हो पाएंगी।