उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। चमोली जिले के माणा क्षेत्र में शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ, जिससे सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप को नुकसान पहुंचा और कई मार्ग अवरुद्ध हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 33 मजदूरों को बचाया गया
इस हादसे में कुल 55 मजदूरों के फंसे होने की आशंका थी, जिनमें से अब तक 33 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बाकी 22 मजदूरों की तलाश के लिए सेना और आईटीबीपी ने सुबह एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बचाए गए मजदूरों का इलाज माणा में आईटीबीपी हॉस्पिटल में किया जा रहा है।
हिमस्खलन को लेकर अलर्ट जारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। चमोली जिला सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में बारिश की संभावना है, जबकि 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है।
बद्रीनाथ हाईवे समेत कई मार्ग बंद
लगातार हो रही बर्फबारी के कारण बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, ज्योतिर्मठ और चमोली के 40 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं। गोपेश्वर-चोपता हाइवे, औली-जोशीमठ मोटर मार्ग और नीति मलारी हाइवे भी बर्फबारी के चलते बाधित हो गए हैं। गंगोत्री हाईवे पर भी हिमस्खलन से गंगनानी से आगे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।
एम्स ऋषिकेश में अलर्ट जारी
चमोली में हुए इस बड़े हादसे को देखते हुए एम्स ऋषिकेश का प्रशासन सतर्क हो गया है। अस्पताल में हेली एंबुलेंस और एयर स्टाफ को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को अलर्ट पर रखा गया है।
इस हिमस्खलन से हुए नुकसान और लापता मजदूरों की स्थिति को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक मौसम खराब बना रह सकता है, जिससे राहत कार्यों में और बाधा आ सकती है।