रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद
दिल्ली: पिछले लगभग 2 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है और इसी आंदोलन में कुछ शरारती तत्वों ने ट्वीटर पर फर्जी एकाउंट बनाकर विवाद बढ़ाने वाले ट्वीट कि गए जिसको लेकर अब आने वाले समय में किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।सरकार ने इस पूरे मामले मं ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी किया है और कहा है कि अगर ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी तो कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर को यह नोटिस सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से तब भेजा गया है जब ट्विटर की तरफ से 250 एकाउंट को बहाल किया गया है जिसकों मंत्रालय की शिकायत पर ट्वीटर को बैन कर दिया था। जहां केंद्र सरकार के सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने 5 पेज के नोटिस में काफी सख्ती दिखाई है और नोटिस में साफ तौर पर लिखा गया है की #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया।
इसके आगे नोटिस में लिखा गया है की पोस्ट किया गया कंटेंट तथ्यात्मक तौर पर पूरी तरह से गलत था और उस पोस्ट का मकसद पूरी तरह से नफरत फैलाना था। वहीं पांच पेजों के नोटिस में सरकार की ओर से कहा गया है की ये एक मोटिवेटेड कैंपेने है जो समाज में तनाव पैदा करने के लिए बिना किसी आधार के कैंपेन चलाया गया है।
बतादें की दिल्ली की सीमाओं पर भारी तादाद में किसान डटे हुए हैं, 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई, जिसके बाद सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोग ट्वीटर पर अपनी राय रख रहे हैं। इसी कड़ी में ट्विटर पर हाल ही में किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग के साथ लोगों ने ट्वीट किए. ट्विटर पर किसानों के नरसंहार से जुड़ा हैशटैग चलाया गया था. सरकार ने ट्विटर को ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किए. लेकिन ट्विटर ने खुद ही ऐसे अकाउंट बहाल कर दिए।