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अखिलेश यादव पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 40 से ज्यादा जगहों पर CBI ने मारा छापा

By: RNI Hindi Desk 
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अखिलेश यादव पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 40 से ज्यादा जगहों पर CBI ने मारा छापा

रिपोर्ट: शिव कुमार प्रजापति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में गोमती नदी (Gomti River) के किनारे बने रिवर फ्रंट (River Front) से जुड़े घोटाले (Scam) को लेकर सीबीआई (CBI) ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी (CBI Raid) की है। इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान के साथ 40 जगहों पर छापेमारी की है। यूपी में राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और रायबरेली में छापेमारी की गई है। बता दें कि शुक्रवार को ही 190 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कार्यकाल के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने नया मामला भी दर्ज किया है। यूपी में 40, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक सहित 42 स्थानों पर सीबीआई की अलग-अलग टीमें तलाशी ले रही है। रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में यह सीबीआई की दूसरी एफआईआर है। इस केस में कुल 189 आरोपी हैं।

लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट (Gomti river Front) के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ मंजूर किए थे। 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था।

2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था। जांच में सामने आया कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था। मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग से जांच की जिनकी रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा था।

ये लगे हैं आरोप…

गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं। इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है।

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