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सावधान! कहीं आपकी गाडी पर भी तो नहीं लगी डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट…

By: RNI Hindi Desk 
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सावधान! कहीं आपकी गाडी पर भी तो नहीं लगी डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट…

रिपोर्ट: नंदनी तोदी
मेरठ: उत्तरप्रदेश में अब आप ऐसे ही गाडी नहीं चला सकते है। अब आपको हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना होगा। लेकिन कई आप फर्जी नंबर प्लेट तो नहीं लगवा रहे।

दरअसल, मेरठ में हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। पुलिस ने लगभग पांच सौ से अधिक फर्जी नंबर प्लेट और मशीनें बरामद की है। इतना ही नहीं ये सभी फैक्ट्रियां पूरे शहर के दुकानदारों को इनकी सप्लाई हो रही थी

इसी मुद्दे पर सिविल लाइन थाना इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया, “हमने शुक्रवार रात मोहनपुरी में संचालित फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां वाहनों की फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाई जा रही थीं। करीब 500 तैयार नंबर प्लेट, 50 आधी बनी हुईं नंबर प्लेट और 300 से ज्यादा खाली प्लेट, हाईड्रोलिक मशीन, डाई, पेस्टिंग मशीन, होलोग्राम जब्त की गई हैं। इस मामले में फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल निवासी सम्राट पैलेस व श्रीराम निवासी मोहनपुरी गिरफ्तार किए गए हैं।

उधर, सदर बाजार थाना पुलिस ने थापरनगर गुरुद्वारे के पास फर्जी ढंग से हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बेचने में संदीप को गिरफ्तार किया है. उसके पास से 12 नंबर प्लेट बरामद हुई हैं. उसके साथी वसीम की तलाश जारी है।

पुलिस ने खुलासा किया कि ये मामला किस तरह सामने आया जब एक बारकोड न होने से नंबर प्लेट स्कैन नहीं हो पाई। आपको बता दें, पुलिस ने अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

इतना ही नहीं आरपी ने भी ये खुजला किया कि वो दिल्ली से खाली प्लेट खरीदता था। खाली प्लेट पर डाई लगाई जाती थी। हाईड्रोलिक मशीन से प्लेट दबाई जाती थी। इस तरह डाई के नंबर उस प्लेट पर छप जाते थे। हर नंबर के ऊपर इंडिया लिखा होता है। इंडिया छपे रैपर भी दिल्ली से आते थे। इन्हें पेस्टिंग मशीन के जरिए नंबरों के ऊपर चिपकाया जाता था।

आपको बता दें पुलिस ने ये भी बताया कि हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट का होलोग्राम भी नकली था। होलोग्राम के नीचे इंडिया और उसके नीचे बेहद सूक्ष्म बारकोड छपा होता है। इस नकली प्लेट में सिर्फ बारकोड नहीं था, बाकी सबकुछ दिखने में असली जैसा था। बारकोड के बारे में ज्यादातर ग्राहकों को पता नहीं होता। आरोपी ने पूछताछ में पूरे शहर में फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट सप्लाई करने की बात कुबूली है। वह एसेसरीज और नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों को महज 300 रुपये में यह प्लेट मुहैया कराता था। दुकानदार उसे 500-600 रुपये में बेच देते थे। लोगों को ऑनलाइन बुकिंग नहीं करानी पड़ती थी। इसलिए वह नक्कालों के झांसे में आ रहे थे।

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