नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। सभी पार्टियां अपनी अपनी रणनीतियां बनाने में मशगूल हैं। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति के लिए बीजेपी ने बैठक की है। आगामी चुनाव को लेकर चर्चा की गई और एक कमेटी का गठन किया गया जो रूठे हुए अपनों को मनाने काम करेगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी से असंतुष्ट नेताओं को लेकर चर्चा हुई है। क्योंकि बीजेपी चाहती है कि इस चुनाव अभियान की शुरुआत सबसे पहले अपने घर को जोड़ने और सहेजने से ही की जाय। इसके लिए पार्टी पहले अपने असंतुष्ट नेताओं से बातचीत करेगी और उन्हें मनाकर पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जोड़ने का काम करेगी। जिससे वो लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर सके।
असंतुष्ट नेताओं को मनाने का प्रयास
पार्टी का प्रयास रहेगा कमेटी असंतुष्ट नेताओं से मिलकर इसके बारे में चर्चा करेगी और कारण जानने के बाद उसका समाधान करने की कोशिश करेगी। साथ ही उन्हें फिर से पार्टी में शामिल करने की कोशिश भी करेगी। पार्टी की 8 सदस्यीय कमेटी इस बात को तय करेगी कि बाहर से कौन सा नेता एंट्री करेगा और कौन नहीं। इस बात के लिए बीजेपी में एंट्री लेने के लिए उसे पार्टी की कसौटी पर खरा उतरना पड़ेगा। उन्हें पार्टी में शामिल करने से पहले खूब जांचा-परखा जाएगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि पार्टी से संपर्क करने वाले अन्य दलों के नेताओं की गुणवत्ता जांचने के लिए अब एक तरह का फिल्टर लगा दिया गया है।
कमेटी के बिना नहीं होगी बाहर की एंट्री
मतलब साफ है कि समिति की हरी झंडी मिलने के बाद ही अन्य दलों के नेताओं का बीजेपी में स्वागत किया जाएगा। समिति 4 दिन बाद पहली बार बैठक करेगी। बीजेपी का मकसद है कि उन नेताओं को जोड़ने के जोखिम को कम किया जाय जो चुनाव के बाद पार्टी के विरोध में खड़े होकर सरदर्द बन जाते हैं। इससे पहले कई विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसकी सीख मिल चुकी है। बीजेपी में शामिल होने के लिए जो नेता अपनी शर्तों को थोपते हैं उनकी शायद एंट्री बन्द हो जाएगी।
कमेटी के आठ सदस्य नामित
बीजेपी ने जो 8 सदस्यों की कमेटी बनाई है उनमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा, महासचिव विनोद तावड़े, तरुण चुग और सुनील बंसल शामिल हैं।