लखनऊः कानपुर में बिकरू कांड में दोषी पाए गए तत्कालीन एसपी ग्रामीण समेत 28 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। एसआईटी जांच में 6 इंस्पेक्टर, 15 दरोगा, 2 हेड कांस्टेबल और 4 कांस्टेबल दोषी पाए गए हैं, जिन पर कार्रवाई हुई है। तत्कालीन एसओ व हलका इंचार्ज को बर्खास्त करने के साथ ही 26 अन्य पुलिसकर्मियों को भी दंडित किया गया है। गौरतलब है की बिकरू गांव में 02 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया था, इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। दोषी पुलिसकर्मी की जांच कमिश्नरी पुलिस को सौंपी गई थी। तत्कालीन एसओ विनय तिवारी व हलका इंचार्ज केके शर्मा को एडिशनल सीपी मुख्यालय ने बर्खास्त किया था। अन्य पुलिस कर्मियों पर मिसकंडक्ट (परनिंदा) की कार्रवाई की गई है। इनमें से तत्कालीन एसपी ग्रामीण प्रद्युम्र सिंह की पेंशन आधी कर दी गई है। इसके साथ ही 6 इंस्पेक्टर, 15 दरोगा, 2 हेड कांस्टेबल और 4 कांस्टेबल पर भी कार्रवाई की गई है।
जिन पुलिस कर्मियों पर एसआईटी द्वारा की गई है उनमें इंस्पेक्टर राम मूर्ति यादव, मुकेश कुमार, बृज किशोर मिश्रा, सूबेदार सिंह तत्कालीन इंस्पेक्टर शिवली, अंजनी कुमार पांडेय, लखनऊ, दरोगा अजहर इसरत, कुंवर पाल सिंह, विश्वनाथ मिश्रा, अवनीश कुमार लखनऊ, दीवान सिंह, राकेश कुमार और इंद्रपाल सरोज शामिल हैं। इसके अलावा दीवान गिरि, कानपुर देहात, लवकुश सिंह चौहान तत्कालीन एसओ रूरा, संजय कुमार सिंह, शिवली थाना, जितेंद्र प्रताप सिंह, संजय सिंह, राकेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन एसओ शिवली, हेड कांस्टेबल लायक सिंह, धर्मिंद्र सिंह, कांस्टेबल अभिषेक कुमार, राजीव कुमार, विकास कुमार और कुंवर पाल शामिल हैं। बिकरू कांड में इंस्पेक्टर मोहम्मद इब्राहिम, वेद प्रकाश, लालमणि सिंह और एसके वर्मा भी दोषी पाए गए थे। इनमें से तीन सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वहीं एसके वर्मा की मौत हो चुकी है। लिहाजा इन पर विभागीय कार्रवाई करना संभव नहीं है।