एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने कहा कि आज वे और उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ग्राम बिकरू, थाना चौबेपुर में घटी घटना सहित अन्य तमाम संबंधित घटनास्थलों पर जानकारी प्राप्त करने जा रहे थे।
अमिताभ ने इसके लिए अपने वरिष्ठ अफसर से एक दिन का अवकाश लिया था और वे अपनी निजी कार से कानपुर के रास्ते में थे।
जब अमिताभ और नूतन लखनऊ बॉर्डर पर पहुंचे तो अमिताभ को अचानक फोन मिला कि डीजीपी, यूपी ने ऊपर का आदेश बताते हुए उन्हें कानपुर जाने से मना कर दिया है।
अमिताभ को कहा गया कि उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। नूतन ने कहा कि चूँकि वे एक ही कार से जा रहे थे, अतः उनके पास वापस लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कृत्य अत्यंत निंदनीय व अनुचित ह। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसे कौन से तथ्य हैं, जिन्हें सरकार छिपाना चाहती है ?
और उन्हें डर है कि अमिताभ और नूतन के मौके पर जाने से वे तथ्य सामने आ जायेंगे। नूतन ने कहा कि वे सच्चाई सामने लाने के लिए शीघ्र ही अकेले ही मौके पर जाएँगी।