नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर तकरीबन 100 दिनों से चले आ रहें किसान आंदोलन के बीच आम लोगों ने थोड़ी सी राहत की सांस ली थी, जब गाजीपुर बॉर्डर का एक हिस्सा खोला गया था। लेकिन उसके कुछ ही दिन बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को बंद करने का ऐलान किया, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी। उन्हें अब ये समझ नहीं आ रहा की अगर गाजीपुर बॉर्डर की ही तरह दिल्ली-नोएडा बॉर्डर यानी चिल्ला बॉर्डर को भी बंद कर दिया जायेगा, तो उससे उनके आने-जाने में काफी परेशानी होगी।
आपको बता दें कि एक निजी संस्थान से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब बीजेपी वाले विपक्ष में थे, तब हमारे साथ थे. बीजेपी ने भी तब की सरकार को उखाड़ फेंकने में हमारी मदद ली। उन्होंने कहा कि अब इनकी सरकार आई है तो यह भी वही काम कर रहे हैं जो पिछली सरकारों ने किया।
उन्होंने कहा कि 26 मार्च को भारत बंद होगा तो हम चिल्ला बॉर्डर भी बंद करेंगे जो नोएडा को दिल्ली से जोड़ता है। वहां आंदोलन तेज करेंगे। किसान नेता टिकैत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम चिल्ला बॉर्डर पर गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर आंदोलन शुरू करेंगे। इस दौरान टिकैत ने लोकल बच्चे के रोजगार का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि नोएडा में जो लोकल बच्चे हैं, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। जो इंडस्ट्री है उसके एचआर लोकल बच्चों को कंसीडर नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत और नोएडा के जाट और गुर्जरों को यहां पर नहीं रखा जाता है। जिनकी जमीन गई है उन्हें नौकरी में नहीं रखा जाता है, खासतौर पर नोएडा के लोगों को। ये लोग कहां जाएंगे।