रिपोर्ट :- अतुल विश्वकर्मा
महाभारत में भीम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती ने 74 वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली है। जानकारी के मुताबिक अभिनेता लंबे समय से बीमारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। प्रवीण कुमार सोबती ने न केवल अभिनय की दुनिया में बल्कि खेल की दुनिया में भी खूब नाम कमाया था
खेल:- प्रवीण 1960 और 1970 के दशक में भारतीय एथलेटिक्स के प्रमुख सितारे थे।[2] उन्होंने कई वर्षों तक भारतीय हथौड़ा और चक्का फेंक खेलों पर अपना दबदबा कायम रखा। उन्होंने 1966 और 1970 के एशियाई खेलों में चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीते, जिसमें एशियाई खेलों का रिकॉर्ड 56.76 मीटर था। वह 1966 में किंग्स्टन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों और 1974 में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता थे। उन्होंने 1968 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 1972 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया।[1]
अपनी कद काठी की वजह से प्रवीण कुमार सोबती लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध थे। एक अभिनेता होने के अलावा, वह एक एथलीट भी थे। हैमर और डिस्क थ्रो में उन्होंने कई पदक जीते हैं। बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट रह चुके प्रवीण ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। हांगकांग में आयोजित एशियाई खेल में उन्होंने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 1960 और 70 के दशक के दौरान एथलेटिक्स में जबरदस्त लोकप्रियता भी हासिल की थी।
50 से ज्यादा फिल्मों में कर चुके हैं काम
एशियन गेम्स और ओलंपिक्स में अपने प्रदर्शन की वजह से प्रवीण इतने लोकप्रिय हो गए कि बीआर चोपड़ा ने भीम के किरदार के लिए उनसे मिलने की इच्छा जता दी। अभिनय में पहले कभी किस्मत नहीं आजमाने वाले प्रवीण किरदार के बारे में जानने के बाद बीआर चोपड़ा से मिलने पहुंच गए। उन्होंने प्रवीण कुमार की कद-काठी देखते ही बोला, भीम मिल गया। यहां से प्रवीण के अभिनय करियर की शुरुआत हुई।
राजनीति में बनाया करियर
50 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता प्रवीण की आखिरी फिल्म साल 2013 में रिलीज हुई थी। फिल्म का नाम ‘महाभारत और बर्बर’ था। प्रवीण कुमार सोबती ने यहां भीम का किरदार निभाया था। इसके बाद अभिनय छोड़ प्रवीण कुमार सोबती ने राजनीति में प्रवेश किया, उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली के वजीरपुर से चुनाव लड़ा। लेकिन जीत न सके। कुछ समय बाद उन्होंने आप पार्टी छोड़कर भाजपा जॉइन कर लिया।
कुछ समय पहले सरकार से मांगी थी मदद
कुछ समय पहले ही जीवन यापन करने के लिए प्रवीण कुमार ने पेंशन की गुहार लगाई थी। उन्होंने अपनी आर्थिक तंगी की जानकारी देते हुए सरकार से मदद भी मांगी थी।