भारत और ऑस्ट्रेलिया दौरा शुरू होने से पहले ऑट्रेलिया के महान तेज़ गेंदबाज़ ग्लेन मैक्ग्रा ने एक बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि ऑट्रेलिया के पिचें अब इतनी डरावनी नहीं रह गई हैं। अब कोई भी इन पिचों पर आसानी से खेल सकता है।
ग्लेन मैक्ग्रा ने कहा – ” 1993 में जब मैंने खेलना शुरू किया था तब ऑस्ट्रेलिया की पिचों का अपना मिजाज होता था। पर्थ की पिच तेज और उछालभरी होती थई। सिडनी की पिच टर्न लेती थी। ऐडिलेड की पिच चौथे और पांचवें दिन ऊपर-नीचे होने लगती थी। गाबा (ब्रिसबन) की पिच पर रिवर्स स्विंग होता था। मेलबर्न की विकेट का अपना स्वभाव था। ”
उन्होंने कहा – ” जहां तक उछाल और रफ्तार की बात है ऑस्ट्रेलिया की पिचों को लेकर डरने वाली कोई बात नहीं है। पिचें अब उतनी तेज और उछाल वाली नहीं हैं हां ये भारत से फिर भी ज्यादा तेज हैं। ”
उन्होंने यही वजह बताते हुए कहा – ” यही वजह थी कि ऑस्ट्रेलियाई टीम इतनी मजबूत हुआ करती थी। मेरा करियर समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया की हर पिच लगभग एक ऐसी हुआ करती थी। इसका असर अलगी पीढ़ी के क्रिकेटरों पर हुआ। मैं इससे काफी निराश हूं। ”
भारतीय टीम को लेकर मैक्ग्रा ने कहा – ” भारतीयों को अब ऑस्ट्रेलियाई हालात में खेलने की आदत हो चुकी है, वह पिछली सीरीज में जीत हासिल कर चुकी है। वे आईपीएल में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं। वे एक टीम में साथ खेल चुके हैं। इससे बैरियर टूटते हैं। आपको अहसास होता है कि विपक्षी टीम में भी सामान्य खिलाड़ी हैं। “