देहरादून: आतंकवाद को खत्म करने व उत्तराखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमि निभा चुके डीजीएलओ अशोक कुमार 1993-94 में रुद्रपुर में एडिशनल एसपी नैनीताल तैनात थे।
22 जनवरी 1993 को रुद्रपुर में हुए एनकाउंटर में 300 व्यक्तियों की हत्या करने वाले दो आतंकवादियों को उनके नेतृत्व में मार गिराया था, इस दौरान 3000 गोलियां चली थी। इसके बाद 1994-95 में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान वह एसपी चमोली थे। वह 1995-96 में हरिद्वार व 1996-97 में एसएसपी नैनीताल रह चुके हैं। अशोक कुमार ने सीआरपीएफ व बीएसएफ में भी अपनी सेवाएं दी। उन्होंने केदारनाथ घाटी के कालीमठ में 14-15 गांव गोद लेकर उनका पुनरोद्धार किया।
हरियाणा के पानीपत के कुराना गांव में जन्में डीजीएलओ अशोक कुमार की प्राइमरी शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद बीटेक व एमटेक आइआइटी दिल्ली से की। 1989 में उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस ज्वाइन की। वह उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने ‘खाकी में इंसान’ किताब लिखी, जोकि खूब पसंद की गई। वह अब तक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल कर चुके हैं।