रिपोर्ट: सत्यम दुबे
आगरा: विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार BJP कार्यकर्ताओं और नेताओं को खुश करने में जुटी हुई है। इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आगरा में शाखा लाकर सुर्खियों में आए अशफाक सैफी को CM योगी ने यूपी अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। सैफी ने सोमवार को अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के तौर पर लखनऊ में पदग्रहण किया।
आपको बता दें कि आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र के रहने वाले अशफाक सैफी शुरू से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान संघ में शामिल होकर सैफी सुर्खियों में आए थे। जिसके कारण वो मुस्लिम समुदाय के निशाने पर भी आ गए थे, लेकिन न तो उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ा और न ही संघ से अपना प्रेम खत्म किया है। इसी का ही परिणाम है कि अब योगी सरकार ने अशफाक सैफी को यूपी अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया है।
सियासी मायनों में देखें तो अशफाक सैफी के माध्यम से RSS ने यूपी के मुस्लिम समुदाय को संदेश देने की कोशिश की है कि बीजेपी और संघ मुसलमानों को साथ लेकर चलने के लिए तैयार है। अब देखना होगा कि RSS और बीजेपी अपने इस सियासी मकसद में कितना कामयाब हो पाएगी। लेकिन BJP ने अशफाक सैफी को अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाकर बड़ा सियासी दांव चल दिया है।
पार्टी द्वारा अध्यक्ष बनाये जाने के बाद अशफाक सैफी ने कहा कि भाजपा ने एक छोटे से कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, मैं पूरी ईमानदारी और मेहनत से अल्पसंख्यक वर्ग के हितों की योजनाओं को मूर्त रूप देने का काम करूंगा। मैं अल्पसंख्यक वर्ग के विकास के लिए रोजगार, शिक्षा के लिए काम करूंगा, क्योंकि मुस्लिम समुदाय शिक्षा के स्तर में काफी पीछे है। इसके अलावा मुस्लिम हितों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।