नई दिल्लीः चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर पिछले चार साल से गतिरोध चल रहा है। इस बीच भारतीय सेना ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और हथियारबंद वाहन तैनात किए हैं। इनमें धनुष होवित्जर से लेकर एम-4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल है। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टेरेन व्हीकल को भी तैनात किया है। इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज की। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में T-90 और T-72 टैंकों को साफ देखा जा सकता है। आर्मी ने हाल ही में भारत में बनी स्वदेशी धनुष होवित्जर को शामिल किया है। यह बोफोर्स तोप का एडवांस्ड वर्जन है। आर्टिलरी रेजिमेंट के कैप्टन वी मिश्रा ने कहा कि धनुष होवित्जर 48 किलोमीटर तक लक्ष्य पर हमला कर सकता है और इसे पिछले साल ही पूर्वी लद्दाख सेक्टर में शामिल किया गया है।
बता दें कि एम-4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल पर माइंस का भी असर नहीं होता है। यह वाहन 50 किग्रा तक IED ब्लॉस्ट सहन कर सकता है। सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह वाहन लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल सकता है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर के आगे के इलाकों में अधिक संख्या में सेना की ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है। वहीं सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में चार से छह सैनिकों को ले जाया जा सकता है। ये व्हीकल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। सेना ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है।
गौरतलब है कि हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल का मुकाबला करने के लिए इंडियन नेवी ने 10 जून को अरब सागर में सबसे बड़ी एक्सरसाइज की थी। नेवी ने पहली बार अपने दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत को एक साथ समुद्र में उतारा था। इन एयरक्राफ्ट से MiG-29K सहित 35 लड़ाकू विमान भी उड़ाए गए थे।