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PPE किट में नजर आने वाले वाजे ही थे, खोई इज्जत वापस पाने के लिए रचा था षड़यंत्र

By: RNI Hindi Desk 
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PPE किट में नजर आने वाले वाजे ही थे, खोई इज्जत वापस पाने के लिए रचा था षड़यंत्र

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में उस वक्त हड़कंप मच गया जब, एशिया के सबसे बड़े धनपति और देश के सबसे बड़े उद्योगपति अनिल अंबानी के घर एंटीलिया के सामने बीते 25 फरवरी को एक अज्ञात कार खड़ी मिली। पुलिस ने जब सूचना पाकर कार की ज़ॉच की तो उस कार से एक धमकी भरा पत्र मिला। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय जॉच एंजेंसी को जॉच सौंपी गई।

एंजेसी ने जब अपने तरीके से जॉच शुरु की तो इसमें महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम सामने आया, जिससे सभी होश उड़ गये। केंद्रीय जॉच एजेंसी NIA ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया। 13 मार्च शनिवार को सचिन वाजे ने सोशल मिडिया पर अपनी सफाई में एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि साथी पुलिस अफसर उसे झूठे मामले में फंसा रहे हैं। वाजे ने आगे लिखा कि दुनिया को गुडबाय कहने का समय नजदीक आ रहा है। आपको बता दें कि वाजे को गिरफ्तार करने से पहले NIA ने उससे लगभग 12 घंटे तक पूछताछ की थी।

वाजे ने 13 मार्च शनिवार को सुबह 10 बजे से पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की, इसके बाद वह NIA ऑफिस में जॉच में शामिल होने चला गया। वाजे ने सोशल मीडिया पर कहा कि 3 मार्च 2004 को CID के साथी ऑफिसरों ने उसे झूठे मामले में गिरफ्तार किया था। उस मामले में अभी तक विवेचना पूरी नहीं हो सकी है। इसी घटना पर वाजे ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हुए कहा कि “इतिहास फिर से खुद को दोहरा सकता है।“

उसने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि उसके साथी अफसर उसे फंसाने की कोशिश में हैं। उसने लिखा कि साल 2004 में उनके पास 17 साल की उम्मीद, धैर्य और नौकरी थी, लेकिन अब उनके पास न तो 17 साल की जिंदगी है और न ही सर्विस। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, अब उनमें जीने के लिए धैर्य भी नहीं बाकी बचा है। वाजे ने इतना लंबा सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लोगो की भावनाएँ अपनी ओर करने की कोशिश की, लेकिन कुछ खास फायदा उनको हुआ नहीं।

केंद्रीय ज़ॉच एचेंसी NIA ने सचिन वाजे के खिलाफ 120 (बी), 286, 465, 473, 506(2) के तहत मामला दर्ज किया है। इससे एक दिन पहले 12 मार्च शुक्रवार को वाजे को मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (CIU) से स्पेशल ब्रांच ले जाया गया। मुंबई पुलिस वाजे से एंटीलिया के बाहर मिले बम के साथ-साथ मनसुख हीरेन के मामले में पूछताछ कर रही है। आपको बता दें कि 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर जिस गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं, उस SUV कार का संबंध मनसुख हीरेन से है।

NIA ने जब वाजे को गिरफ्तार किया तो उसके बाद उसको निलंबित कर दिया गया। न्यूज एजेंसी ANI के हवाले से खबर मिली है कि मुंबई पुलिस के पीआरओ के मुताबिक “पुलिस अफसर वाजे को अडिश्नल सीपी स्पेशल ब्रांच के आदेश के द्वारा निलंबन में रखा गया है।”

NIA ने सचिन वाजे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद कोर्ट ने रविवार 14 मार्च को सचिन वाजे को रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट ने वाजे के 25 मार्च तक रिमांड पर भेजा है। एनआईए ने कोर्ट में दलील दी कि “चश्मदीदों के बयान से वाजे की मामले में संलिप्तता प्रतीत होती है। वाजे 1990 के राज्य काडर के अधिकारी हैं। उन्हें वर्ष 2004 में घाटकोपर धमाके के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस की हिरासत में हुई मौत मामले में भी निलंबित किया गया था लेकिन पिछले साल उन्हें बहाल कर दिया गया।“

एंटीलिया मामले में नये-नये मोड़ सामने आ रहे हैं, इसी क्रम में NIA ने वाजे के ऑफिस में छापा मारकर सबूत इकठ्ठा करने की कोशिश की। इस दौरान NIA के अधिकारियों ने वाजे के ऑफिस के कर्मचारियों से भी जानकारी हांसिल करने की कोशिश की। अधिकारियों को जानकारी मिली कि सीसीटीवी फुटेज में जो आदमीं दिखा रहा है। वह कोई और नहीं बल्कि सचिन वाजे ही है। पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सचिन वाजे के कर्मचारियों ने खुलासा किया है कि “सीसीटीवी फुटेज में जो आदमी पीपीई किट में दिख रहा था, वह सचिन वाजे ही थे। बताया कि उन्होंने पीपीई किट को बाद में नष्ट कर दिया था। जांच में पुलिस को पीपीई किट के अंदर के कपड़े, जिसे वाजे ने पहने थे, भी मिले हैं।“

आपको बता दें कि इसके साथ ही NIA की टीम जब वाजे के ऑफिस की तलाशी ली तो इस दौरान वहां से आपत्तिजनक दस्तावेज’ और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए गये हैं। पुलिस अधिकारी ने आगे जानकारी दी कि वाजें के ऑफिस में तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही। जिसके बाद एनआईए ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के सात अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। इसके साथ ही NIA की टीम ने बुधवार 17 मार्च को आरोपी सचिव वाजे के घर तलाशी लेने पहुंची है। NIA के आठ अधिकारी सचिन वाजे के घर थाणे जॉच के लिए पहुंचे हैं। आपको बता दें कि सचिन वाजे का परिवार वहां नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ इस मामले में राजनीति भी अपने चरम पर पहुंच गई है। शिवसेना ने सोमवार 15 मार्च को कहा कि “वाजे को गिरफ्तार किया जाना महाराष्ट्र पुलिस का अपमान’ है।“ शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से कहा कि “जब महाराष्ट्र पुलिस की जांच करने की काबिलियत और बहादुरी को दुनियाभर में सराहा जा रहा है, तब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है।“ सामना में आगे कहा गया कि “यदि वाजे इस मामले में दोषी हैं, तो मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम हैं, लेकिन एनआईए ऐसा नहीं होने देना चाहता था।“

इसके बाद भाजपा ने भी शिवसेना पर गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा ने शिवसेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना अंबानी से पैसा वसूलना चाहती है। इसीलिए आरोपी सचिन वाजे को बचा रही है। मामला दिन पर दिन उलझता ही जा रहा है। इस मामले में राजनीतिक पार्टियों की कोशिश है कि अपने-अपने तरीके से अच्छा लाभ उठाया जाय़।

NIA ने जिसको आरोपी बनाया है आइये जानते हैं उस सचिन वाजे के बारे में…

सचिन वाजे मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्टों में से एक हैं। वाजे को 16 साल के निलंबन के बाद महाराष्ट्र पुलिस में बहाल किया गया था। वाजे को पांच जून, 2020 को हुई एक बैठक में बहाल करने का फैसला लिया गया। आपको बता दें कि वाजे ने साल 2007 में राजनीति में आने के लिए इस्तीफा दे दिया था। इसके एक साल बाद वाजे शिवसेना में शामिल हो गये, और वह टीवी के जाने माने प्रवक्ता के तौर पर जाने-जानें लगे।

वाजे एक समय एनकाउंटर स्क्वॉड को लीड करते थे, उस दौरान उन्होंने 63 अपराधियों का एनकाउंटर किया था। इसके बाद मुंबई पुलिस में इनकी अलग पहचान बन गई। सचिन वाजे ने साल 1990 में महाराष्ट्र पुलिस फोर्स के सब-इंस्पेक्टर के तौर पर जॉइन किया था। उस वक्त वाजे ने कई ऐसे अपराधियों को मार गिराया था। जिनका कनेक्शन छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम जैसे गैंग से था।

इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने 26/11 के मुंबई में हुए आतंकी हमले पर ‘जिंकून हरलेली लढाई’ नाम की पुस्तक मराठी भाषा में लिखी है। उन्होंने मुंबई के चर्चित शीना बोरा हत्याकांड और डेविड हेडली पर भी किताब लिखी है। वाजे ने अपने अनुभव को किताब के माध्यम से लोगो तक पहुंचाई है। अब वाजे केंद्रीय जॉच एजेंसी NIA के निशाने पर हैं।

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