नई दिल्ली : एंटिलिया केस की जांच की आग अब महाराष्ट्र सरकार को ही अपने लपेटे में लेने लगी है, जिसे बुझाने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार लगातार पानी का छिड़काव भी कर रहे है। लेकिन अब यह आग हैं की और धधक उठा है। दरअसल इस मामले महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऐसे कई राज सामने आये, जिसने सभी को चौंका दिया। हालांकि महाराष्ट्र सरकार लगातार अनिल देशमुख के बचाव में लगी हुई है।
आपको बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर गृह मंत्री अनिल देशमुख के बचाव के बाद, पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया। जिसमें उन्होंने अपनी याचिका में अनिल देशमुख पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। याचिका में सिंह ने कहा है कि अनिल देशमुख दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे।
सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने अपने घर पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया था। इसके साथ ही उन्होंने अलग-अलग प्रतिष्ठानों और अन्य सोर्स से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।
सिंह ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी भी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था।
‘बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे देशमुख’
सिंह ने कहा कि देशमुख अलग-अलग जांचों में हस्तक्षेप कर रहे थे और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि वे स्पेशल तरीके से उनके बताए दिशा-निर्देशों पर अमल करें। इस तरह की एक घटना का हवाला देते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे।
कौन है दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर
आपको बता दें कि मोहन डेलकर दादरा एवं नगर हवेली के निर्दलीय सांसद थे, जिनका शव 22 फरवरी यानी सोमवार को मुंबई के एक होटल से बरामद हुआ था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक उन्होंने आत्महत्या की है। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। खबरों की मानें तो मोहन डेलकर मुंबई में अपने किसी काम के सिलसिले में गए हुए थे, जहां वे मुंबई के मरीन ड्राइव क्षेत्र में स्थित एक होटल ‘सी ग्रीन व्यू’ की पांचवी मंजिल के एक कमरे में ठहरे हुए थे। इसी दौरान उनकी सुसाइड की खबर उनके एक समर्थक ने दी। जिसकी जांच महाराष्ट्र पुलिस कर रही है।
महाराष्ट्र सरकार में बड़े फेरबदल की संभावना
आपको बता दें कि सिंह ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र और सीबीआई को देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्हें आशंका है कि कहीं इन सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर देशमुख खुद को बचाने की कोशिश ना करें। खैर अब परमबीर सिंह याचिका मामले में अब सुप्रीम कोर्ट को अपना अहम निर्णय लेना है। वहीं दूसरी तरफ आज यानी 23 फरवरी को महाराष्ट्र सरकार अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल कर सकती है। सूत्रों की मानें तो, इस फेरबदल का शिकार गृग मंत्री अनिल देशमुख भी हो सकते है।