{ अलीगढ़ से मुकेश कुमार की रिपोर्ट }
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में ऊपरकोट कोतवाली पर महिलाओं का प्रदर्शन चल रहा था। इसी दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके बाद पुलिस और इलाके के तमाम लोग आमने-सामने आ गए। पुलिस पर पथराव आगजनी हुई।
उस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया। बवाल धीरे-धीरे अन्य इलाकों में फैलते फैलते बाबरी मंडी तक पहुंच गया और वहां पर दो समुदाय के बीच पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। जिसमें दोनों ही पक्ष के कई लोग पथराव व गोली लगने से घायल हुए थे।
जिनमें से एक तारिक नाम का युवक भी था। जिसका उपचार घटना की तारीख 23 फरवरी से ही जेएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक मदद भी दी गई। बुधवार को दोपहर बाद तारिक की मौत की अफवाह तेजी से उड़ने लगी। इसी दौरान देर रात तक बवाल में आरोपी बनाए गए विनय वार्ष्णेय को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर रात्रि को ही 2:00 बजे तक जेल भेज दिया था।
तो वहीं पांच अन्य युवक भी गिरफ्तार कर अगले दिन जेल भेजे गए थे। 2 दिन गुजरने के बाद शुक्रवार की देर शाम करीब 10:00 बजे के बाद तारिक की मौत की सूचना मेडिकल कॉलेज से बाहर निकली और मौके पर जिला प्रशासनिक पुलिस अधिकारियों समेत परिजन और तमाम राजनेता व समर्थकों का जमावड़ा शुरू हो गया।
तमाम लोगों ने तारिक के समर्थन में तरह-तरह की बातें कहीं। तो वहीं मृतक तारीक के पिता ने आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए शहरवासियों से शांति की अपील की।