रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दूसरे लहर का कहर काबू में आया है। लेकिन एक के बाद एक नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। डेल्टा के बाद आब WHO ने अब कोविड के ‘लैम्ब्डा‘ वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है। जून 2021 से अपने विकली बुलेटिन में WHO ने कहा था कि लैम्ब्डा कई देशों में संक्रमण की वजह बना है।
आपको बता दें कि लैम्ब्डा वेरिएंट को पहली बार पेरू में पहचाना गया। दिसंबर 2020 की शुरुआत में इसका पता चला था। अभी ये दक्षिण अमेरिकी में सबसे ज्यादा प्रभावी है। यहां इससे 80% से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
WHO ने कहा, लैम्ब्डा वेरिएंट से संक्रमण फैलने का डर बहुत ज्यादा है। ये एंटीबॉडी को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन तथ्यों को मजबूती से बताने के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है।
UK के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में वेरिएंट का पता चला है। लैम्ब्डा स्ट्रेन का पता सबसे पहले पेरू से चला। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि ये डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है। यूके में एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि वैक्सीन के बाद भी ये बुरा प्रभाव डाले।
वही बात करें भारत की तो यहां अभी लैम्ब्डा वेरिएंट के एक भी केस नहीं आए हैं। लेकिन यह दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। एक्सपर्ट्स को डर है कि इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने से भारत में लैम्ब्डा सहित नए वेरिएंट आ सकते हैं।