रिपोर्ट: सत्यम दुबे
कासगंज: यूपी की योगी सरकार अपराध पर लगाम लगाने की जितनी भी कोशिश कर रही है, सब बेकार साबित होता नजर आ रहा है। तकरीबन एक साल पहले कानपुर में विकास दुबे ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर रात में हमला कर करीब आठ जवानों को शहीद कर दिया था। मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर यूपी पुलिस को सौंपा था। सड़क रास्ते से उसको लाते समय पुलिस ने कानपुर के नजदीक एनकांउटर में मार गिराया था।
मंगलवार की रात कासगंज में शराब माफियाओं ने पुलिस पर हमला कर पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। शराब माफियाओं ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए। कुर्की के लिए नोटिस चस्पा करने गए दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र कुमार सिंह को जमकर पीटा। इसी दौरान एक सिपाही को पीट-पीट कर मार डाला। वहीं दरोगा की हातल गंभीर बताई जा रही है।
सिपाही के मौत के बाद हरकत में आई पुलिस ने बुधवार बड़ी कार्रवाई की और मुठभेड़ में शराब माफिया मोती के भाई को ढेर कर दिया। सिढ़पुरा थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह की मानें तो शराब माफिया और उसके साथियों की तलाश करने में पुलिस जुटी है।
इसी दौरान पुलिस और शराब माफिया के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस को देख माफिया ने गोलियां चलाई जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवार्ई कर दी। इस मुठभेड़ में शराब माफिया मोती के भाई एलकार सिंह के गोली लगी। एलकार को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि कासगंज के नगला धीमर गांव में शराब का धंधा करने वालों के ठिकाने पर दबिश देने गए सिढ़पुरा थाने के एक दरोगा और सिपाही को बदमाशों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ दी और असलहे छीन लिए। कई घंटे तलाश के बाद दरोगा और सिपाही जंगल में लहूलुहान हालत में अलग-अलग स्थानों पर मिले। इतना ही नहीं शहीद सिपाही देवेंद्र कुमार सिंह का शव पूरी तरह से नग्न हालत में मिला है। उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था।
इस पूरी घटना पर सीएम य़ोगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। सीएम योगी ने गुनहगारों पर रासुका के तहत कार्रवाई का भी दिया निर्देश हैं।