रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने साथ-साथ शिक्षकों के हित में भी बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एलान किया कि अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) और टीईटी डिग्री धारक हैं उनको अध्यापक और जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है लेकिन तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं उनको पद रिक्त ना होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाएगी।
आपको बता दें कि पहले में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे, वे उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नहीं होते थे। इससे पहले सीएम योगी ने कहा था कि पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी व्यक्ति कोरोना के कारण दिवंगत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए।
सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री, सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी को नौकरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। लगातार विपक्षी दल इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेर रहे हैं। इस बीच सरकार ये फैसला कई मायने में अहम हो गया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई डॉ अरुण द्विवेदी को सिद्धार्थ विश्व विद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिली है। मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें EWS कोटे आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी से नौकरी मिली। वह पहले बनस्थली विद्यापीठ में प्रोफेसर थे।