रिपोर्ट: सत्य़म दुबे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पंचायत चुनाव को लेकर काफी शख्त है। आपको बता दें कि शासनादेश आया है कि पंचायत चुनाव से पहले मुकदमा दर्ज सभी असलहाधारी लोगो के लाइसेंस निरस्त किये जाए। शासनादेश आने के बाद जिलाधिकारी और डीआईजी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी थानो में निर्देशित किया गया है कि थानेदार को 25 फरवरी तक सूची और प्रमाण पत्र देना होगा। जिसके बाद किसी भी थानाक्षेत्र में मुकदमा दर्ज लोगों के पास असलहा लाइसेंस नहीं रहेगा।
अभी तक 22 के नाम प्रशासन के पास आ चुके हैं। आदेश के बाद अब 44 थानों में मुकदमा दर्ज असलहाधारियों की सूची तैयार हो रही है। आपको बता दें कि थानेदारों द्वारा नाम भेजने के बाद मुकदमा दर्ज लोगो का असलहा लाइसेंस को थाने और गन हाउस में जमा कराना पड़ेगा जाएगा।
इसके बाद उनका मामला डीएम कोर्ट में दर्ज होगा। इसके बाद नोटिस देकर असलहाधारक को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। डीएम कोर्ट उस पर फैसला लेगी। मामला गंभीर होने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। अब तक 50 रिपोर्ट में 28 का लाइसेंस निरस्त हो चुका है। 22 पर सुनवाई हो रही हैं। शासनादेश में जोर देकर कहा गया है कि, अगर कार्रवाई नहीं तो संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अफसर पर कार्रवाई होगी।
आपको बता दे कि पहले के मामलो में भी कार्रवाई नहीं होने पर कई लोग मुकदमा होने के बावजूद असलहा लेकर चल रहे हैं। ऐसे लोगो के लाइसेंस को सुनवाई करके निरस्त किया जाएगा। हल्की धाराओं वाले असहलाधारकों को छूट मिल सकती है। एडीएम सिटी अतुल कुमार की मानें तो “शासनादेश काफी कड़ा आया है। उस पर पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त काम शुरू किया है। सभी थानेदारों से मुकदमा दर्ज असलाधारियों की सूची प्रमाण-पत्र समेत मांगी गई है। सूची आते ही कार्रवाई होगी।“ सरकार की पूरी कोशिश है कि इस साल होने वाले पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाय।