रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए सूबे के कई जिलों में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि PPP मॉडल पर बनाए जाने वाले प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क से राज्य का औद्योगिक माहौल बदलेगा। इसके साथ ही निर्यात कारोबार में इजाफा होगा।
आपको बता दें कि जिन जिलों में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने का सरकार का इरादा है, उनमें लखनऊ, उन्नाव, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, औरया, हमीरपुर, जालौन, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आजमगढ़, अम्बेडकर नगर, गोरखपुर और प्रयागराज जिले शामिल हैं।
सूबे में पहला एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल पार्क आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के नजदीक उन्नाव में बनेगा। इस प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए जिले के बरौली कलां गांव में जमीन चिन्हित की गई है। इन प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग, परफ्यूम, पीतल के उत्पाद, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाले उद्योग लगाए जा सकेंगे।
पिछले साल CM योगी ने निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक और वेयर हाउस बनाने वाले उद्यमियों को बड़ी सहूलियतें देने का ऐलान किया था। जिसके तहत निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए जरूरी भूमि की सीमा घटाई गई। इसके लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 में बदलाव किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है कि बुंदेलखंड व पूर्वांचल में निजी क्षेत्र के उद्यमी कम से कम 20 एकड़ जमीन में औद्योगिक पार्क बना सकें।
वहीं बात करें मध्यांचल व नोएडा गाजियाबाद सहित पश्चिमांचल में निजी औद्योगिक पार्क बनाने के लिए 30 एकड़ या उससे अधिक जमीन की जरूरत होगी। सरकार की इस योजना के तहत देश और विदेश के बड़े निवेशक सूबे में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए आगे आये, इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर औद्योगिक विकास विभाग ने एक्सप्रेस-वे के किनारे 15 शहरों में करीब 9000 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है।
अब इन एक्सप्रेस-वे के कारण माल की आवाजाही जल्द व सस्ती होगी। जल्द निजी निवेशकों को उनके विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाली औद्योगिक परियोजनाओं के लिए उदार शर्तों पर जमीन का आवंटन होगा। इस मुहिम से औद्योगिक विकास तेज होगा। साथ ही लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर बनेंगे। योगी सरकार की कोशिश है कि चिन्हित जमीन पर आधारभूत सुविधाएं विकसित हों। प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में सड़क, सीवर, बिजली आपूर्ति, प्रदूषण नियंत्रण आदि की बेहतर व्यवस्था हो, ताकि बड़े निवेशक राज्य में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने के लिए आगे आएं।
आपको बता दें कि बड़े निवेशकों को राज्य में लाने के लिए सरकार ने फिरोजाबाद, उन्नाव, आगरा, चित्रकूट, मैनपुरी व बाराबंकी में भी कुल 22 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की हैं। निवेश के लिहाज से इन छह जिलों को उच्च संभावना वाला माना गया है। ये छह जिले पूर्वांचल, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के आसपास हैं। इनमें पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट विकसित किया जाएगा।
सरकार के इस योजना का मकसद है कि एक्सप्रेस-वे के जरिए राज्य के उद्योगों को बढ़ावा देना और आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना है। अब पश्चिमी यूपी से मध्य यूपी, पूर्वांचल तक और बुंदेलखंड तक माल की आवाजाही और जल्दी व आसानी से होने वाली है।
प्रतापगढ़ में ऑटो ट्रैक्टर लिमिटेड की भूमि पर भी प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाने की योजना है। ऑटो ट्रैक्टर लिमिटेड वर्ष 1972 से बंद पड़ी है। इसकी 97 एकड़ भूमि पर प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए यह जगह कारगर है।
प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। पार्क के मैन्युफैक्चरिंग जोन में फ्लैटनुमा कारखाने और फैक्ट्री शेड होंगे। सामान्य सुविधाओं के तहत बिजनेस व शॉपिंग सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, होटल व रेस्टोरेंट, हॉस्टल, ऑफिस ब्लॉक, स्वास्थ्य व संचार सुविधाएं, पुलिस व फायर स्टेशन, आदि होंगे।
इसके साथ ही बिजली, पानी, सड़क की सुविधा के अलावा पार्क में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, टेस्टिंग व सर्टिफिकेशन लैब भी होंगे। लॉजिस्टिक्स के तहत वेयरहाउस, कंटेनर व ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्यूल स्टेशन आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इसके अलावा हरियाली से भरा ग्रीन जोन भी होगा। वहीं अधिकारियों की मानें तो प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए तमाम बड़े निवेशक आगे आए हैं, इनके प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।