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History of Bihar Means History of India: सात समंदर पार से आया पीएम मोदी के लिए पैगाम, आपने पढ़ा क्या?

By: RNI Hindi Desk 
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History of Bihar Means History of India: सात समंदर पार से आया पीएम मोदी के लिए पैगाम, आपने पढ़ा क्या?

नई दिल्ली: History of Bihar Means History of India….. मेरे प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी जी के नाम एक और पैगाम और खुला ख़त हमारा। कितनी अजीब बात है न जिस राज्य ने दुनिया का सबसे पहला लोकतंत्र बनाया और दुनिया को लोकतंत्र क्या होता है वो दिखाया भी। आज उसी राज्य को बिहार दिवस की बधाई दी जा रही है,जिसका इतिहास सदियों पुराना है। आप सबको जान कर हैरानी ही हुई होगी कि –“दुनिया का पहला लोकतंत्र वो भी भारत भूमि पर और वो भी बिहार राज्य से ,जिस राज्य को आप गरीब राज्य के बारे में जानते हैं क्योंकि आधुनिक नेताओ ने अपनी सत्तालिप्सा के लिए इसे गरीब , भूमिहीन और मजदूरों का राज्य बना दिया है । ”

जिस भूमि ने महान सम्राट अशोक दिया हो। जिस भूमि ने आचार्य चाणक्य दिया हो जो अपनी विदुता और राजनीतिक पारखी नज़र और सोच के लिए विश्वविख्यात रहें हों। इसी समझ से वो न केवल राज्य का निर्माण करने में सक्षम थे बल्कि राजा को बनाना भी जानते थे। जो आचार्य चाणक्य विश्व विजेता सिकंदर के यवन शाशकों को भी युद्ध की जगह संधि करने पर मजबूर कर सकते थे। उस बिहार भुमि को आज क्या से क्या बना दिया इन सत्ता के खिलाड़ियों ने। जी मैंने बिल्कुल सही शब्द इस्तेमाल किया इन सफेदपोश पहनने वालो के लिए — “सत्ता के खिलाडी” क्योंकि बाहरी आवरण ही सफेदपोश है इनका अंतर्मन का रंग हम सब को पता ही है। इन्होंने अपने स्वार्थ के चलते एक समर्द्धशाली बिहार राज्य को गर्त में पंहुचा दिया। सालों पहले तक दूर -दराज के राज्यों में हर कारख़ाने से लेकर खेतों तक बिहार का मेहनतकश ही मजदूरी करने जाता था क्योंकि तुम्हारे लोगो में हिम्मत नहीं थी मेहनत का काम करने की। पुरे भारत वर्ष की एडमिनिस्ट्रेशन में आज भी बिहार के लोगो का दबदबा सबसे ज्यादा है चाहे बात आईएएस, आईएफएस, आईपीएस की हो या फिर बात शिक्षा की । पौराणिक बिहार भारत के इतिहास में अपना शानदार इतिहास समाहित किये है आज भी।

चलिये आज जरा आसान भाषा में समझते है इस राज्य की गरिमा और महानता को ।

1 ) भगवान राम भारत की आत्मा हैं और मिथिला की राजकुमारी सीता भगवान राम की आत्मा हैं जोकि बिहार के मिथिला नरेश जनक की पुत्री थी। इसीलिए मैंने आरम्भ में ही लिखा है। History of Bihar means History of India यहीं से शुरू होती है। इसी मिथिला राज्य की राजधानी विदेह थी जहां पर मुख्य राजा को अन्य राजाओं के बीच से चुना जाता था। जिसे वज्जि समझौता कहा जाता था और यही दुनिया का पहला गणतंत्र कहलाया। इसी का प्रमाण आपको आगे चल कर जैन और बौद्ध धार्मिक ग्रंथो में मिलेगा।

2 ) बिहार की पवित्र भूमि बोधगया में ही ज्ञान प्राप्ति के पश्चात ही सिद्धार्थ गौतम भगवान बुद्ध कहलाये। इसी लिए जैन और बौद्ध धार्मिक ग्रंथो में लिखित आधार पर , वज्जि को 6 वी शताब्दी ईसा पूर्व से ही गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया था। गौतम बुद्ध के जन्म से पहले 563 ईसा पूर्व में , यही दुनिया का पहला गणतंत्र था।

3 ) बिहार राज्य का नाम आये तब राजनीति के पितामह, अर्थशास्त्र के रचियता आचार्य चाणक्य को कौन भूल सकता है। भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र को विश्व स्तर तक पहुँचने वाले केवल आचार्य चाणक्य ही हैं।

4 ) भारत के महान राजा समुन्द्रगुप्त , चन्द्रगुप्त मौर्य , विक्रमादित्य और महान सम्राट अशोक इसी धरती पर जन्में और भारत के साम्राज्य को बगदाद और ग्रीक देशों तक पहुंचाया। मौर्य साम्राज्य आज तक भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य कहलाता है क्योंकि इसका विस्तार पश्चिम में ईरान से लेकर पूर्व में बर्मा तक और उत्तर में मध्य -एशिया से लेकर दक्षिण में श्रीलंका तक फैला हुआ था। गुप्त साम्राज्य को ही विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वाणिज्य, धर्म और भारतीय दर्शन का गोल्डन पीरियड कहा जाता है।

5 ) जहां एक तरफ राजा स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को रोकने में कामयाबी हासिल की वहीं दूसरी तरफ राजा चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में उन्होंने ग्रीक राजा निकेटर को हरा कर अफगानिस्तान और पर्सिया यानिकि आज के ईरान को जीता था और राजा निकेटर से संधि में उनकी पुत्री यूनानी राजकुमारी हेलेना से विवाह किया था।

6 ) पाटलिपुत्र में जन्मे सम्राट अशोक का साम्राज्य सम्पूर्ण भारत ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,नेपाल ,बांग्लादेश ,भूटान और म्यांमार तक फैलाव लिए हुए था। उस समय से लेकर आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य इन्हीं का साम्राज्य कहलाता है इसीलिए इन्हें ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहा जाता है जिसका मतलब है -सम्राटों का सम्राट। अपने विस्तृत साम्राज्य के साथ -साथ सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने संपूर्ण एशिया और अन्य महाद्वीपों में बौद्ध धर्म प्रचार भी करवाया और भारत के इतिहास की शौर्य गाथाओं को स्तम्भों और शिलालेखों पर अंकित करवाया ताकि आने वाले भविष्य के भारत को अपने गौरवशाली ,वैभवशाली अतीत का ज्ञान होता रहे। ये लेख ब्राह्मी, ग्रीक, अरामाई और संस्कृत आदि भाषाओं में लिखे हुए हैं। इनके स्तम्भ और शिलालेख आज भी हमें इतिहास की सही जानकारी देते हैं। 

7 ) इन्हीं के शासनकाल में बिहार यूरोप और मध्य एशिया तक अपनी सांस्कृति और शिक्षा को विस्तार दे पाया। उन्होंने अपने वक़्त में 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाई थी जिनमें तक्षशिला, विक्रमशिला, कंधार  और नालन्दा विश्वविद्यालय लगभग 3000 साल पुराने इतिहास की गवाही देने को आज भी हमारे बीच भारतभूमि में मौजूद हैं। इन्हीं विश्वविद्यालयों में अनेकों विदेशी छात्र शिक्षा प्राप्ति के लिए आते थे। महाबोधि मंदिर को तो वर्ल्ड यूनेस्को ऐतिहासिक साइट में शामिल भी किया गया है। सम्राट अशोक का चिन्ह जिसे हम ‘अशोक चिन्ह’ भी कहते हैं वही आज हमारे भारत का ‘राष्ट्रीय चिन्ह’ है जिसमें चार शेर बने हुए हैं और सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। । अशोक चक्र या धर्म चक्र को हमने अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में जगह दी है। यही अशोक चक्र भारत का शांति के समय दिया जाने वाला सबसे ऊंचा वीरता पदक भी है। जिसे सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए हमारे राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।

8 ) जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म भी पाटलिपुत्र में ही हुआ था और सिखों के दसमें गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी का जन्म भी पाटलिपुत्र यानिकि (पटना)  में हुआ था।

9 ) ऋषि गौतम,अयाची, आर्यभट, मण्डन मिश्र ,कवि कोकिल विद्यापति भी इसी मिथिला में अवतरित हुए । राष्ट्र कवि दिनकर, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, बाबा नागार्जुन जैसी विभूतियों की भूमि भी यही है। 1857 की आज़ादी की लड़ाई और गांधी जी द्वारा प्रथम सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत चंपारण से ही हुई थी।  जय प्रकाश नारायण ने यही से संपूर्ण क्रांति की हुंकार भरी भरा, दुनिया के सबसे बड़े और प्राचीन गणतंत्र का प्रथम नागरिक बनने का सौभाग्य भी एक बिहारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद को ही प्राप्त है ।

10) बिहार राज्य ही हैं जिसने हिन्दी को सबसे पहले अपनी आधिकारिक भाषा बनाया है।

ये तो कुछ मुख्य बिंदु थे जो बताने के लिए काफी हैं कि History of Bihar is History of India लेकिन बाहरी आक्रमणकारियों के आ जाने के बाद से लेकर अंग्रेजों से आज़ादी पाने तक सभी ने इस राज्य को बर्बादी की तरफ ही धकेला फिर आई हमारे सफेदपोशो की बारी। जरा सोचिये ऐसा क्यों हो रहा है। क्यों इस समृद्धशाली भारत की गरिमा को केवल बाहरी आक्रंताओ ने ही नहीं लुटा बल्कि अपने लोगो ने भी कोई रहम नहीं किया। सत्ता के खिलाड़ियों ने जो पशुओं का चारा खाने में तो माहिर निकले लेकिन आचार्य चाणक्य का कोई नामोनिशान इस भूमि पर क्यों नहीं बनवाया आज तक ? सम्राट अशोक के शानदार वैभवशाली दौर के अवशेषो का जीर्णोद्धार क्यों नहीं करवाया आज तक ? क्या इतना मुश्किल था इन ऐतिहासिक धरोहरों का नव – निर्माण करवाना ? आज आप बिहार की जनता को गरीब कहते हैं लेकिन आप भूल जाते हैं कि यहीं गरीब मेहनतक़श लोग हैं जो खुद झोंपड़ी में रह कर भी आपके महलों को बनाते हैं। राजनीतिक  स्वार्थ लोगो के सुख , दुःख जीवन से ऊपर हो गये हैं इस लिए आज हर तरफ आराजकता , बेरोजगारी , अपराध बड़ी तेजी से पाँव पसार रहा है। मेरे प्रधान सेवक मोदी जी गुजरात को एक मॉडल राज्य के रूप में रख कर बिहार का भी उद्धार कीजिये। आचार्य चाणक्य के बारे में भी वहां कुछ शानदार यादगारें बनवाइये ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी अपने दार्शनिकों , राजनीतिज्ञों पर गर्व हो। गुजरात में ही भारत नहीं बस्ता बाकि राज्यों में भी आप का और हमारा सबका भारत है उनकी तरफ भी ध्यान दीजिये।

(AM) Copyright @ Dr. Manu Chaudhary, Ireland .

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