Halwa Ceremony: हम सभी भारतीयों की यह परंपरा रही है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मीठे से की जाती है। और वहीं हम बजट पेश होने से पहले हलवा रस्म की बात करें तो यह रस्म 1980 से ही भारत गणराज्य में वित्तीय मंत्री विभाग द्वारा मनाया जा रहा है।
हलवा सेरेमनी नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित की जाती है ।जहां एक बड़ी ‘कड़ाही’ में इस भारतीय मिठाई को तैयार किया जाता है। फिर वित्त मंत्री औपचारिक रूप से ‘कड़ाही’ को हिलाते हैं और आम तौर पर बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों का मुंह मीठा कराते है।
यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है, जिसमे वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारियों की कड़ी मेहनत को स्वीकार करने का यह एक तरीका भी माना गया है। हलवा सेरेमनी होने पर ये मान लिया जाता है कि अब तैयार हो चुका है और सभी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बजट पेश करने से पहले क्यों की जाती है हलवा सेरेमनी
आपको बता दें कि वित्त मंत्री की ओर से बजट पेश करने के ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। यह हलवा समारोह इस बात का गवाह होता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू हो चुका है। इस समारोह में बड़ी संख्या में बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
9-10 दिनों तक क्यों रखा जाता है अधिकारियों को अलग
दरअसल, वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के जितने भी अधिकारी बजट बनाने के कार्य में जुटे होते हैं, उन्हें संसद में बजट पेश होने तक अपने परिवारों से संपर्क नहीं करने दिया जाता।और बजट तैयार करने के दौरान भी उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को लेकर आभार प्रकट के लिए हलवा समारोह का आयोजन करती है।
कैसे मनाई जाती है हलवा सेरेमनी
हलवा सेरेमनी एक परंपरागत कार्यक्रम है जिसे बजट की छपाई से पहले मनाया जाता है। लंबे समय तक चलने वाली बजट बनाने की प्रक्रिया की समाप्ति मीठा खाकर बजट की छपाई को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखा कर की जाती है।
वित्त मंत्री कड़ाही को हिलाती हैं और अधिकारियों को हलवा परोसकर बजट के लिए हरी झंडी दिखाती है। यह समारोह वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में होता है। जहां बजट की छपाई के लिए एक विशेष प्रिंटिंग प्रेस मौजूद होते है।
कब से हुई हलवा सेरेमनी की शुरुआत
दरअसल, 1980 से हलवा सेरेमनी की शुरुआत हुई थी। तब से हलवा रस्म बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे बजट के औपचारिक रूप से प्रस्तुत होने तक किसी भी अधिकारी को परिसर से बाहर बिना कार्य पूरा करे नही जाने दिया जाता है।
नॉर्थ ब्लॉक से पहले बजट की रुप-रेखा कहां तैयार की जाती थी
वर्तमान में बजट की रुप-रेखा की छपाई नॉर्थ ब्लॉक के भू-तल (बेसमेंट) में किया जाता है । भारत में सबसे पहले बजट 1950 में बजट पेश किया गया परन्तु इसके कुछ हिस्से लीक हो गए थे।तब वित्त मंत्री जान मिथाई पर जोरशोर से देश के संपन्न लोगों के हितों में काम करने का आरोप लगाया गया। मथाई इस तरह फंस गए कि उन्हें बजट लीक की वजह से इस्तीफा देना पड़ा।
1950 में बजट पेश होने से पहले ही इसके कुछ हिस्से लीक हो गए थे। इसके बाद बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन की प्रेस से हटाकर मिंटो रोड पर स्थित सरकारी प्रेस में स्थानांतरित कर दी गई। फिर साल 1980 के दशक में वित्त मंत्रालय ने खुद की अपनी छपाई मशीन मंत्रालय के बेसमेंट में लगवा दी।
भारत में 2021 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बजट की रूपरेखा पूरी तरह से परिवर्तित हो गई। 2021 के बजट से पहले जो बजट पन्नों पर छपते थे वो अब ऑनलाइन यानि पीडीएफ फॉर्मेट में आने लगे। इसी के साथ 2021 में छपा भारत का पहला इलेक्ट्रिक बजट भारत के सबसे बड़े बजट में से एक रहा है।
THIS POST IS WRITTEN BY PRIYA TOMAR AND PUBLISH/EDITED BY ABHINAV TIWARI