भारत की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे देशों से लगती हैं। इन सीमाओं की सुरक्षा देश की संप्रभुता, आंतरिक सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही में पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के चलते सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती और जिम्मेदारी एक बार फिर चर्चा में है। आइए जानते हैं कि भारत की हर सीमा की सुरक्षा किस बल के जिम्मे है।
BSF यानी सीमा सुरक्षा बल भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की सीमाओं की निगरानी करता है। इसकी स्थापना 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद की गई थी। वर्तमान में BSF के पास 2.7 लाख से अधिक जवान हैं और यह लगभग 6,726 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा करता है।
BSF को हाल ही में 16 नई बटालियन के लिए मंजूरी मिली है। कई इलाकों में दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यह कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है। फिर भी BSF न केवल सीमा पर निगरानी करती है बल्कि घुसपैठ, तस्करी और आतंकवाद को रोकने में अहम भूमिका निभाती है।
ITBP की जिम्मेदारी भारत-चीन और तिब्बत से लगी करीब 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करना है। इसकी स्थापना 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी।
ITBP के जवान अत्यधिक ऊंचाई पर तैनात रहते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी, बर्फबारी और तापमान -40 डिग्री तक चला जाता है। गलवान संघर्ष (2020) के बाद सरकार ने इसकी ताकत और संसाधनों में इज़ाफा किया है।
SSB भारत-नेपाल और भारत-भूटान की सीमाओं की निगरानी करता है। इसकी स्थापना 1963 में स्पेशल सर्विस ब्यूरो के नाम से हुई थी।
नेपाल और भूटान के साथ भारत की खुली सीमा है, जिससे तस्करी, हथियारों की आवाजाही और अवैध घुसपैठ को रोकने की जिम्मेदारी SSB के पास होती है। यह बल गुप्त सूचनाओं के आधार पर स्थानीय स्तर पर भी सुरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
तीनों बलों — BSF, ITBP और SSB — का संचालन गृह मंत्रालय के अंतर्गत होता है। इनके ऑपरेशनल स्ट्रक्चर में बटालियन, सेक्टर, और फ्रंटियर होते हैं, जिन्हें DIG (Deputy Inspector General) और IG (Inspector General) स्तर के अधिकारी लीड करते हैं। प्रत्येक बटालियन में 1,000 जवानों की तैनाती होती है और सेक्टर व फ्रंटियर मिलकर बड़ी सीमा का संचालन करते हैं। हाल के दिनों में इन बलों को आधुनिक हथियारों, संचार उपकरणों और ड्रोन जैसी निगरानी तकनीकों से लैस किया गया है।
भारत की सीमाओं की सुरक्षा केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं है। यह एक रणनीतिक, भौगोलिक और तकनीकी समन्वय की मांग करती है, जिसमें BSF, ITBP और SSB का योगदान अतुलनीय है। ये बल दुर्गम इलाकों में, कठोर मौसम में और हर चुनौती में 24×7 देश की रक्षा में लगे रहते हैं।
This Post Is Written By Abhinav Tiwari (abhiniya2000@gmail.com)