रिपोर्ट: सत्यम दुबे
मऊ: कोरोना महामारी के दूसरे लहर के कहर से योगी सरकार निजात पा ही रही थी कि दो गंभीर बिमारियां सूबे में दस्तक दे दी हैं। ब्लैक फंगस के लिए मोदी सरकार ने सभी राज्यों आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इसी बीच यूपी में व्हाइट फंगस का दस्तक हो गया। सूबे में व्हाइट फंगस का पहला मामला सामने आया है। सूबे के मऊ जिले में व्हाइट फंगस का पहला मामला सामने आया है।
आपको बता दें कि इससे पहले बिहार में भी वाइट फंगस के मामले आ चुके हैं। एक 70 वर्षीय व्यक्ति में व्हाइट फंगस का पता चला था, जिसका पहले अप्रैल में दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड -19 का इलाज किया गया था और उसके ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी। कोविड -19 से ठीक होने के बाद वह लगातार स्टेरॉयड पर था। कुछ समय बाद, उन्हें आई फ्लोटर्स (आंखों के अंदर जेली जैसा पदार्थ) विकसित हो गई और उनकी आंखों की रोशनी चली गई।
उनकी विट्रोस बायोप्सी के बाद वाइट फंगस संक्रमण की पुष्टि हुई। शख्स का इलाज चल रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद फंगस के अन्य राज्यों में फैलने के अधिक प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस की तरह विषाणु जनित हो सकता है।
आपको बता दें कि व्हाइट फंगस की मृत्यु दर मौजूदा वक्त में अज्ञात है। वाइट फंगस से संक्रमित मरीजों में कोविड जैसे लक्षण दिखे, लेकिन उनकी जांच नेगेटिव आई। जैसा कि रिपोर्ट में दावा किया गया है, चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि फंगल संक्रमण का पता लगाने के लिए एचआरसीटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है।
योगी सरकार के सफल प्रयास से कोरोना महामारी पर काबू पा लिया गया है। जिसका जिक्र शुक्रवार को पीएम मोदी ने भी किया है। पिछले 24 घंटे में सूबे में कोरोना के 7735 मामले सामने आये हैं। इस दौरान 172 लोगो ने भी अपनी जान गंवाई है।