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Loksabha Election: मध्य प्रदेश में चौथे चरण की 8 सीटों पर होगा मतदान, नाम वापसी के बाद 74 प्रत्याशी मैदान में

Lok Sabha Chunav in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया है कि चौथे चरण की आठ संसदीय क्षेत्रों में नाम वापसी के बाद 74 प्रत्याशी अंतिम रूप से चुनाव मैदान में हैं।

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: मध्य प्रदेश में चौथे चरण की 8 सीटों पर होगा मतदान, नाम वापसी के बाद 74 प्रत्याशी मैदान में

Lok Sabha Chunav in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण (Fourth phase of Lok Sabha elections 2024) की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer Madhya Pradesh) अनुपम राजन (Anupam Rajan) ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन 2024 (Lok Sabha Election 2024) के निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार चौथे चरण के लिये भरे गये नाम निर्देशन पत्रों की वापसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 74 उम्मीदवार अंतिम रूप से चुनावी मैदान में हैं। नाम निर्देशन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन सोमवार 29 अप्रैल को 16 उम्मीदवारों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिये हैं। चौथे चरण के दौरान मध्य प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों में वोटिंग होन है ये 8 सीट देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा हैं।

कहां कितने उम्मीदवार हैं?

चौथे चरण के लिए सोमवार 13 मई को मतदान होगा है. लोकसभा संसदीय क्षेत्र देवास (SC) में 8 कैंडिटेट, उज्जैन (SC) में 9 उम्मीदवार, मंदसौर में 8 अभ्यर्थी, रतलाम (ST) में 12 प्रत्याशी, धार (ST) में 7 उम्मीदवार, इंदौर में 14, खरगौन (ST) में 5 और खंडवा में 11 प्रत्याशी अंतिम रूप से चुनाव मैदान में रह गये हैं।

आखिरी दिन इतने नाम हुए वापस

29 अप्रैल को देवास में 1, रतलाम में 1, धार में 1, इंदौर में 9, खरगौन में 1 और खंडवा में 3 अभ्यर्थियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिये हैं।

13 मई को मतदान
चौथे चरण के लिए सोमवार 13 मई को मतदान होगा और मतगणना 4 जून को होगी। बता दें, 29 अप्रैल को लोकसभा संसदीय क्षेत्र क्रमांक-21 देवास (अजा) में 1 अभ्यर्थी, क्रमांक-24 रतलाम (अजजा) में 1 अभ्यर्थी, क्रमांक-25 धार (अजजा) में 1 अभ्यर्थी, क्रमांक-26 इंदौर में 9 अभ्यर्थियों, क्रमांक-27 खरगोन (अजजा) में 1 अभ्यर्थी एवं लोकसभा संसदीय क्षेत्र क्र.- 28 खंडवा में 3 अभ्यर्थियों ने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिए हैं।

28 अप्रैल तक 257 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन-2024 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के बाद पुलिस एवं अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि 16 मार्च से 28 अप्रैल तक 21 करोड़ 15 लाख रुपये नगद राशि सहित 257 करोड़ 95 लाख रुपये मूल्य की विभिन्न सामग्री जब्त की गयी हैं।

देवास लोकसभा चुनाव 2024

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देवास लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने एक बार फिर महेंद्र सिंह सोलंकी पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। देवास लोकसभा सीट पर महेंद्र सिंह सोलंकी एक बार फिर से जीत हासिल करते हैं, या फिर कांग्रेस का बेड़ा पार होगा। यह तो लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट के बाद ही पता चल सकेगा।

देवास लोकसभा चुनाव 2019

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने न्यायाधीश रहे महेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया तो हर कोई पूछने लगा कि अरे…ये जज साहब कौन हैं, कहां से आ गए। न पार्टी में कभी देखा न ही मुलाकात हुई। बाद में यह बात सामने आई कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का समर्थक होने के साथ ही महेंद्र सिंह सोलंकी का टिकट संघ के दखल से तय हुआ। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पसंद से कबीर भजन गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया को टिकट दिया, लेकिन प्रहालद टिपानिया को हार का सामना करना पड़ा और इसके बाद से ही उन्होंने राजनीतिक से दूरी बना ली।

बाहरी नेताओं को लोकसभा भेजने में रहा उदार

राजनीति में कई जगहों के साथ ऐसे संयोग बन जाते जो कालांतर में उसकी पहचान बन जाते हैं। देवास के साथ भी कुछ ऐसा ही है। देवास संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ज्यादातर बाहरी उम्मीदवारों ने ही किया। जब देवास उज्जैन संसदीय सीट का हिस्सा था तब उज्जैन के हुकुमचंद कछवाय सांसद रहे। जब यह इंदौर लोकसभा सीट में आता था तो इंदौर के प्रकाश चंद्र सेठी सांसद रहे। उनके कार्यकाल में देवास को बैंक नोट प्रेस सहित अन्य कई उपक्रम मिले थे।

वहीं इस सीट से सांसद बने फूलचंद वर्मा, थावरचंद गहलोत और मनोहर ऊंटवाल भी देवास से नहीं थे। वर्तमान सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी देवास विधानसभा क्षेत्र के निवासी जरूर हैं, लेकिन वे भी इंदौर और बाहर ही रहे। अपवाद बापूलाल मालवीय थे। वे देवास के ही थे और सांसद भी चुने गए। देवास संसदीय सीट से मुंबई के बाबूराव पटेल और जगन्नाथ जोशी भी सांसद रहे। दोनों ही जनसंघ से जुड़े हुए थे।

देवास में बीजेपी का दबदबा

साल 1951 से 2014 तक हुए चुनावों में कई बार बीजेपी रिकॉर्ड वोटों से जीती। इस सीट से कांग्रेस 1951, 1957, 2009 समेत चार बार ही जीत सकी है। वर्ष 1971 से 2004 तक भाजपा ने लगातार 10 चुनाव जीते। जनसंघ व बीजेपी के फूलचंद्र वर्मा के नाम सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड रहा है। इन्होंने लगातार 5 बार जीत हासिल की, जबकि मौजूदा केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत 1996 से 2004 तक चार चुनाव जीते।

देवास संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें शामिल

गहलोत की जीत का सिलसिला 2009 में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने तोड़ा। 2014 में बीजेपी ने फिर सीट पर कब्जा जमाया और मनोहर ऊंटवाल ने ढाई लाख वोटों से जीते हासिल की थी। शाजापुर, देवास, सीहोर और आगर जिले की आठ सीटें देवास संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। इनमें शाजापुर जिले की शाजापुर, शुजालपुर व कालापीपल, देवास जिले की देवास, सोनकच्छ व हाटपिपल्या, आगर जिले की आगर और सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा शामिल हैं। इसमें देवास, शुजालपुर, आगर, आष्टा में बीजेपी का कब्जा है जबकि सोनकच्छ, हाटपिपल्या, शाजापुर व कालापीपल विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है।

देवास लोकसभा सीट का इतिहास

देवास लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के मध्य प्रदेश राज्य के 29 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में अस्तित्व में आया। परिसीमन के बाद शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया और देवास निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है और इसमें सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा और देवास जिलों के कुछ हिस्से शामिल हैं।

 

 

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