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वाराणसी : उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के बाद छठ महापर्व का हुआ समापन

By: RNI Hindi Desk 
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वाराणसी : उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के बाद छठ महापर्व का हुआ समापन

वाराणसी : उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के बाद छठ महापर्व का हुआ समापन

छठ के चौथे दिन शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसके साथ ही महापर्व का समापन हो गया। पर्व को लेकर पूरे वाराणसी में भक्ति व उत्साह चरम पर रहा। छठ को लेकर नदियों व तालाबों के घाट सजे-धजे रहे तो श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए सड़कें भी साफ-सुथरी दिखीं।

यह पर्व बिहार ही नहीं, देश-विदेश में उन सभी जगहों पर भी मनाया गया, जहां बिहार की संस्कृति पहुंची है। महापर्व के अंतिम दिन सुबह के अर्घ्य के लिए घाटों पर जिस तरह से जन-सैलाब उमड़ता था लेकिन कोरोना महामारी को लेकर इस बार घाट ,नदियां व तालाब पर भीड़ कम दिखी। बहुत लोगों ने अपने अपने घर के छतों पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।

 

 

इसी के साथ छठ महापर्व का समापन बीते शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने अपने इस व्रत को आधा पूर्ण किया था, और आज सुबह की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने इस व्रत को पूर्ण कर भगवान भास्कर से व्रती महिलाओं और पुरुषों ने सर्व मंगल की कामना की।भगवान भास्कर की लालिमा आसमान में नजर आई तो हर हर महादेव का जयघोष और छठी मैया के जय के जय घोष के साथ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाना शुरू कर दिया।

महिलाओं ने डुबकी लगाकर भगवान भास्कर का इंतजार करते हुए ठंड में भी पानी में खड़े होकर यह साबित कर दिया कि आस्था हमेशा सर्वोपरि है। उसके आगे कुछ भी नहीं दिखता। शायद यही वजह है कि 36 घंटे के निर्जला व्रत के कारण पहले ही महिलाओं के अंदर न सिर्फ उत्साह दिखाई दिया, बल्कि उनके चेहरे पर एक चमक भी देखने को मिली।पारन के साथ छठ महापर्व का समापन हो गया और कहां जा सकता हैं कि कहीं ना कहीं कोरोना पर आस्था भारी पड़ता हुआ नज़र आया ।

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