Uttrakhand News: आज सावन मास की शिवरात्रि है जिस दौरान करोडों भक्तों द्वारा मुख्य जलाभिषेक किया जाएगा और इसके लिए मंदिरों में कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। हर जगह कई खास इंतजाम किए गए हैं, जिससे हर तरह रौनक देखने को मिल रही है।
कांवड़ियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए वॉलंटियर भी नियुक्त किए गए हैं। साथ ही जगह जगह पर कांवड़ियों के लिए तमाम शिविर लगाए जा रहा है जहां भक्तों के लिए विशेष भोजन,जल एवं फलाहार का प्रबंध किया गया है।
भक्तिमय हुआ वातावरण
कांवड़िया हर हर महादेव के जसकारे लगा कर अपने गंतव्य की ओर बढ़ी तेजी के साथ जाते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण शिव भक्ति में डूब गया है। वहीं दूसरी ओर कांवड़िये जब अपने घर के पास पहुंच रहे हैं, जहां उनसे मिलने के लिए उनके परिजन मंदिर में ही पहुंच रहे हैं।
मान्यता के अनुसार जब तक कांवड़िये जलाभिषेक नहीं कर देते, वह अपने घर नहीं जाते और कांवड़ शिविरों में ही रहते हैं। यही वजह है कि कांवड़ शिविरों में कांवड़ के साथ अब परिजनों की भीड़ भी दिखाई दे रही है। कई-कई जगहों पर जैसे दिल्ली,हरियाणा और उत्तरप्रदेश के हाईवे की सड़कों पर भी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर कांवड़ियों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया गया है।
वहीं कांवड़ियों से भी अपील की जा रही है कि वह अपनी लेन में ही चलें। हालांकि जो कांवड़िये बड़ी-बड़ी कांवड़ लेकर आ रहे हैं, उनके लिए एक कतार में चलना संभव नहीं हो पा रहा है।
उमड़ रहा है कांवड़ियोम का सैलाब
दरअसल, कई जगहों पर अब डाक कांवड़ भी दिख रही है, तो कई भक्त पैदल यात्रा भी कर रहे है इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। मान्यता के अनुसार डाक कांवड़ के तहत कांवड़ को जमीन पर नहीं रखा जाता। यही वजह है कि इसे लेकर आने के लिए एक पूरी टोली निकलती है।
कावड़ यात्रा के दौरान टोली से एक व्यक्ति कांवड़ लेकर चलता है और अन्य ट्रक में बैठे रहते हैं,जब व्यक्ति थक जाता है तो वह दूसरे व्यक्ति को आने का इशारा करता है और यह दूसरा व्यक्ति कांवड़ लेकर चलने लगता है।
This post is written by PRIYA TOMAR