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Uttrakhand News: दिल्ली बैठक में शामिल हुए सीएम पुष्कर धामी ने राज्यों में विशेष नीति की मांग की

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीति बनाने के प्रावधान में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान केन्द्रित करने की वकालत की। इस बैठक के दौरान उन्होंने हिमालयी राज्यों की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए विकास से जुड़े प्रस्तावों के लिए विशेष नीतियां बनाने की मांग की।

By: Priya Tomar 
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Uttrakhand News: दिल्ली बैठक में शामिल हुए सीएम पुष्कर धामी ने राज्यों में विशेष नीति की मांग की

Uttrakhand News:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीति बनाने के प्रावधान में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान केन्द्रित करने की वकालत की। इस बैठक के दौरान उन्होंने हिमालयी राज्यों की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए विकास से जुड़े प्रस्तावों के लिए विशेष नीतियां बनाने की मांग की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग के तहत देशों को उनके संपूर्ण रैंक के आधार पर स्कोर किया जाता है,उसमें उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है,यह राज्य के लिए काफी गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने इस बात को भी सभी के समक्ष रखा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में समान नागरिक संहिता विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। क्योंकि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, जिस पर उत्तराखंड सरकार ने राज्यों के विशिष्ट नीतियां बनाने का अनुरोध किया था।

जल संरक्षण की सुविधाएं जल्द हो उपलब्ध

दरअसल, मुख्यमंत्री का कहना है कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दे रहा है, इस समस्या से निजात पाने के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

उत्तराखंड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ना है।

इस परियोजना पर सुचारू रुप से कार्य करने के लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग करने के लिए अनुरोध भी किया गया है।

बिजली सुविधा पर दें विशेष ध्यान

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने के लिए सरकार से अनुरोध किया।

वहीं दूसरी ओर पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।

महत्वपूर्ण विषयों पर किया ध्यान केन्द्रित

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि हमे इन विषयों विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

इसके परिणानस्वरुप उत्तराखण्ड सरकार ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी जैसे विषयों पर विकास योजनाओं को संचालित करने को लिए विशेष ध्यान दे रही है. राज्य में जीडीपी के सथान पर जीईपी जारी करने की शुरूआत की गई है।

ग्रोथ इंजन का रहा विशेष योगदान

मुख्यमंत्री धामी ने कहा की किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र में विकास एक इंजन के रूप में कार्य कर रहा है। रोजगार बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है।

इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच काउंटर मैग्नेट क्षेत्र को विकसित करना होगा जिससे ग्रामीण राज्यों में भी हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया मिल सकें।

धामी सरकार का कहना है कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना एवं विकास के लिए एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

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