प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी को उत्तराखंड के हर्षिल-मुखबा क्षेत्र का दौरा करेंगे, और इस यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विश्व के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक जनकताल का शिलान्यास करेंगे। यह पहल उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रधानमंत्री का यह दौरा राज्य में साहसिक पर्यटन के लिए नए अवसरों का मार्ग खोलेगा, जिससे स्थानीय समुदायों को भी लाभ होगा।
जनकताल ट्रेक: साहसिक पर्यटन का नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान जनकताल ट्रेक का शिलान्यास उत्तराखंड के हर्षिल-मुखबा क्षेत्र में किया जाएगा। यह ट्रेक, जो भारत-चीन सीमा पर स्थित है, समुद्रतल से लगभग 5400 मीटर की ऊंचाई पर है और इसे दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक के रूप में जाना जाता है। जनकताल में नीले पानी की शांत झील और इसके आसपास का दृश्य यात्रियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा। यह ट्रेक जादूंग गांव से शुरू होता है और यहां पर ट्रैकिंग और पर्यटन की अपार संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे।
नेलांग और जादूंग घाटी का विकास: लद्दाख की तर्ज पर
आपको बता दें कि 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग घाटी को एक छावनी में तब्दील कर दिया गया था, जिसके कारण यहां की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र को लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू की गई है। इसके तहत जनकताल ट्रेक के साथ-साथ नीलापानी-मुलिंगना पास का शिलान्यास भी किया जाएगा, जो इन क्षेत्रों में पर्यटन को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
शीतकालीन पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा। मुखबा और हर्षिल घाटी में प्रस्तावित पर्यटन परियोजनाओं के तहत, जादूंग-जनकताल और नीलापानी-मुलिंगना पास ट्रेक को चालू करने के साथ-साथ, नेलांग और जादूंग गांवों में रहने की सुविधाओं के लिए होम स्टे की योजना भी शुरू की जाएगी। वाइब्रेंट योजना के तहत इन गांवों में आधुनिक सुविधाएं और स्थानीय जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है।
आधिकारिक बयान और उम्मीदें
जिला प्रशासन की ओर से डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके प्रयास हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों ट्रेकों का शुभारंभ करें, ताकि नेलांग-जादूंग घाटी में साहसिक पर्यटन को नया आयाम मिले। यह कदम स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे से उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में न केवल एक नई शुरुआत होगी, बल्कि यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर भी अपनी पहचान बना सकेगा।