देहरादून गंगा उत्सव 2024 का आयोजन 4 नवंबर को हरिद्वार के पवित्र चंडी घाट पर भव्य रूप में किया जा रहा है। यह उत्सव हर साल नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) द्वारा गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ का दर्जा दिए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है। इस बार गंगा उत्सव का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण, इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व को उजागर करना, और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है। यह इस कार्यक्रम का आठवां संस्करण होगा, जिसमें पहली बार नदी किनारे बड़े स्तर पर आयोजन होगा।
50 दिनों तक चलने वाला ऐतिहासिक गंगा महिला राफ्टिंग अभियान
इस वर्ष का आयोजन 50 दिनों तक चलने वाले गंगा महिला राफ्टिंग अभियान का भी हिस्सा बनेगा, जो बीएसएफ के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। यह अभियान गंगा नदी के किनारे स्थित नौ प्रमुख शहरों और कस्बों से होता हुआ गंगा सागर तक पहुँचेगा। यह अभियान गंगा बेसिन में स्थित पांच प्रमुख राज्यों में कई गतिविधियों के साथ आयोजित होगा, जो नदी संरक्षण और जनजागरूकता को बल देगा।
गंगा उत्सव के मुख्य आकर्षण
गंगा संवाद: इस संवाद में धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ विभिन्न प्रमुख हस्तियां भाग लेंगी, जहाँ नदी संरक्षण से संबंधित विषयों पर चर्चा होगी। इसका उद्देश्य युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ना और जागरूकता फैलाना है।
घाट पर हाट
गंगा उत्सव में “घाट पर हाट” कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय विभागों द्वारा स्टॉल लगाए जाएंगे, जो नमामि गंगे पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेंगे। बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी, जादू शो, कठपुतली शो, और चित्रकला प्रतियोगिताएं जैसी कई गतिविधियाँ भी आयोजित होंगी, ताकि बच्चे नदी संरक्षण के महत्व को समझ सकें।
नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जो गंगा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाएंगे। एक विशेष सत्र में नदियों से जुड़ी कहानियों और गंगा नदी की सांस्कृतिक यात्रा पर ध्यान दिया जाएगा।
तकनीकी सत्र और प्रदर्शनी: तकनीकी सत्र में जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा, जिसमें नमामि गंगे अभियान की विभिन्न उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
गंगा उत्सव का उद्देश्य
गंगा उत्सव-2024 का प्रमुख उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। गंगा नदी भारत की सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रही है और इस उत्सव के माध्यम से इसके संरक्षण, धरोहर और ऐतिहासिक महत्व को समझने का प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी समेत कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे, जो इस उत्सव की भव्यता और संदेश को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।
समर्पित प्रयास और जनजागरूकता का संदेश
गंगा उत्सव 2024 हमारे समाज में नदियों के प्रति आदरभाव को प्रोत्साहित करने और गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने का प्रयास करेगा।