उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और उत्तरायणी पर्व की हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सूर्यदेव की उपासना, दान और धर्म का यह पावन पर्व सभी के जीवन में उत्साह, उमंग और नई ऊर्जा का संचार करता है। मकर संक्रांति भारत की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
मकर संक्रांति में दान-पुण्य का महत्व
सीएम धामी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति और इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य का विशेष महत्व है। यह पर्व मांगलिक कार्यों के शुभारंभ का प्रतीक भी है। उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान सूर्यदेव की कृपा से यह पर्व सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाए।
भारत के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व अलग-अलग नाम और रूपों में मनाया जाता है। पूर्वी भारत में इसे बिहू, दक्षिण में पोंगल और पंजाब में लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व देश की विविधता में एकता का संदेश देता है।
सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा
“काले कौवा काले, घुघुती माला खा ले… समस्त प्रदेशवासियों को उत्तराखंड के लोकपर्व घुघुती त्यार और उत्तरायणी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपका जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण हो और इष्ट देवी-देवताओं का आशीष सदैव बना रहे।”
उन्होंने कहा कि यह पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। सीएम ने यह भी कामना की कि मकर संक्रांति और उत्तरायणी के अवसर पर हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और आनंद का संचार हो।
सूर्यदेव की उपासना का महत्व
सीएम धामी ने कहा कि मकर संक्रांति सूर्य उपासना का पावन पर्व है, जो मानव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देने का प्रतीक है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस पर्व को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाएं और इसे सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का जरिया बनाएं।