उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई (रविवार) को प्रातः 6 बजे खोले जाएंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को पंचांग गणना के बाद घोषित की जाएगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित
रविवार को नरेंद्र नगर राजदरबार में पंचांग गणना के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को पुष्य नक्षत्र में प्रातः 6 बजे खोलने का निर्णय लिया गया। इस दौरान मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में विधि-विधान से यह तिथि तय की गई। तेलकलश गाडू घड़ा यात्रा 22 अप्रैल (मंगलवार) को नरेंद्र नगर राजदरबार से प्रारंभ होगी।
केदारनाथ धाम की तिथि महाशिवरात्रि पर होगी घोषित
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस बार भी यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को पंचांग गणना के बाद तय की जाएगी। इसके लिए श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में विशेष समारोह का आयोजन होगा।
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से
चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से होगी, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा अनुसार खोले जाएंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि वैशाखी पर्व पर घोषित की जाएगी।
यात्रा की तैयारियां जोरों पर
मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रशासन से समन्वय कर तैयारियां की जा रही हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में विश्रामगृहों के मेंटेनेंस कार्य जनवरी से प्रारंभ हो चुके हैं। शीघ्र ही समिति के अधिकारी यात्रा मार्ग का निरीक्षण करेंगे और जरूरी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देंगे।
चारधाम यात्रा हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव लेकर आती है। 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और केदारनाथ धाम की तिथि 26 फरवरी को घोषित होगी। यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से होगी। श्रद्धालु यात्रा की तैयारी अभी से शुरू कर सकते हैं ताकि वे सुचारू रूप से भगवान बदरीनाथ और भगवान केदारनाथ के दर्शन कर सकें।