रिपोर्ट:पायल जोशी
नई दिल्ली : उत्तराखंड में 17 से 19 अक्तूबर तक बारिश ने जमकर कहर बरपाया है, जिसमें अभी तक 62 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि गुरुवार को बागेश्वर जिले की सुंदरढूंगा घाटी में चार पर्यटकों की मौत की खबर मिली है।
जानकारी के मुताबिक बागेश्वर जिले के पिंडारी, सुंदरढूंगा व कफनी ग्लेशियर क्षेत्र में अभी भी 54 लोग फंसे हुए हैं। वहीं सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रेक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई है और दो पर्यटक अभी लापता हैं। बता दें कि कफनी ग्लेशियर ट्रेक में 20 गांव वाले भी फंसे हुए हैं। वहीं जिला सूचना अधिकारी कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है।
बताया जा रहा है कि बागेश्वर के जिला आपदा विभाग को दो दिन पहले ही कोलकाता से किसी महिला ने फोन करके बताया था कि उसके परिजन और उनके मित्र सुंदरढूंगा घाटी में ट्रेक पर गए हैं, जहां उनके साथ दुर्घटना होने की सूचना उन्हें मिली है। महिला ने आपदा विभाग से इस बारे में उनकी मदद लेने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद महिला ने देहरादून मुख्यालय में गुहार लगाई। इसके बाद देहरादून मुख्यालय से कार्रवाई करने के निर्देश के बाद बागेश्वर जिला प्रशासन हरकत में आया और 20 अक्तूबर को देर शाम एक टीम को और राहत-बचाव के लिए रवाना किया गया।
बता दें कि हालत गंभीर देख कर राहत- बचाव करने के लिए एक टीम भेजी गई है, और इसके साथ हेलीकॉप्टर के जरिये रेस्क्यू भी किया जा रहा है। जिला सूचना अधिकारी बागेश्वर के मुताबिक पिंडारी, सुंदरढूंगा और कफनी ग्लेशियर में 34 लोग फंसे हुए हैं। भारी बारिश के कारण पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक पर पड़ने वाले गांव द्वाली में 18 पर्यटक, 6 विदेशी और 10 गांव वाले फंसे हुए हैं।
बता दें कि गुरुवार को एक बार फिर वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पिथौरागढ़ और कपकोट के लिए उड़ान भरी है, जहां आपदा प्रभावितों के लिए राहत-बचाव कार्य किया जाएगा, और साथ ही वायु सेना ने एमआई 17 हेलीकॉप्टर को भी इस अभियान में उतार दिया है। जिसमें एनडीआरएफ के जवान प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य करेंगे।