लखनऊ: कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर देश में हंगामा जारी है। किसान के साथ ही विपक्षी दल भी इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीनों बिल को किसान के खिलाफ बड़ी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिल के माध्यम से किसानों के साथ धोखा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘ये बिल किसान विरोधी हैं और किसानों के साथ बड़ी साजिश है। आज के दिन हमारी अर्थव्यवस्था को किसी ने बचाया था तो किसान और खेती ने। अब खेती पर बड़े-बड़े उद्योगपतियों की नजर है, जिससे हमारा किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। ये बिल लाकर किसानों के साथ धोखा हुआ है।’
हाल ही केंद्र सरकार ने पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए थे। इसी अवधि में पिछले साल के मुकाबले जीडीपी वृद्धि दर में -23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। सभी सेक्टर में नकारात्मक ग्रोथ थी। एक मात्र कृषि क्षेत्र ही था, जिसमें 3 प्रतिशत से अधिक की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी।
These bills are anti-farmer & a conspiracy against farmers. In these difficult times, farmers saved our economy but now big industrialists are eying on farming which will render farmers like labourers: Former CM Akhilesh Yadav on agriculture bills pic.twitter.com/vZe54uq5Tw
— ANI UP (@ANINewsUP) September 18, 2020
इन विधेयकों के विरोध में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इन विधेयकों का सबसे अधिक विरोध पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में ही हो रहा है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इन विधेयकों को किसान विरोध बता रहे हैं। इनका आरोप है कि सरकार किसानों को मजदूर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
वहीं इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार का रुख और विधेयक से होने वाले लाभ के बारे में शुक्रवार को बताया। उन्होंने कहा कि ये तीनों विधेयक किसानों के हित के लिए लाए गए हैं। पीएम मोदी ने बिल का विरोध करने वालों पर झूठ बोलने और बिचौलियों का साथ देने का आरोप लगाया।
पीएम ने कहा कि अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों के साथ धोखा है। हमारी सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।