बीएचयू के सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल से रविवार को लापता हो गए 25 वर्षीय अजय भारती की लाश अस्पताल में ही मिली है। 24 घंटे से अजय के परिवार वाले अस्पताल के बाहर ही जमे थे। उनकी मांग थी कि सीसीटीवी फुटेज चेक किया जाए। इसी बीच सोमवार की शाम परिवार वालों को बताया गया कि अस्पताल के पिछले हिस्से में अजय की लाश मिली है। लाश मिलते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
डाफी का रहने वाला अजय 12 अगस्त को बीएचयू में ही एक हादसे में घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने 15 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाया और बीएचयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बने कोरोना वार्ड में शिफ्ट करा दिया।
इसी दौरान रविवार को बीएचयू की तरफ से उसके परिजनों को बताया गया कि अजय भाग गया है। इस पर परिजनों ने हंगामा किया। उन्होंने कहा कि दोपहर में ही अजय से उन लोगों की बातचीत हुई है।परिवार के लोग अस्पताल के बाहर ही चौबीसों घंटे बैठे हैं तो वह भाग कैसे सकता है। परिवार वालों ने लंका थाने में बीएचयू की शिकायत भी की। लंका पुलिस बीएचयू जांच के लिए भी पहुंची लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला।
सोमवार की सुबह दोबारा अजय के परिजन अस्पताल पहुंच गए और हंगामा किया। इसी बीच देर शाम परिवार को बताया गया कि अजय की लाश अस्पताल के पिछले हिस्से में मिली है। यह सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। लाश मिलने की जानकारी पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने अजय के परिजनों को बुलाकर लाश की शिनाख्त कराई।
शिनाख्त के दौरान परिजनों ने कमर के पास कट का निशान देखा। परिजनों ने किडनी निकालने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। अजय के भाई मोनू ने आरोप लगाया कि उसके पास मोबाइल भी था। वह गायब है। पिता छविनाथ, मां ममता, बहनों के साथ ही गांव से आए लोगों का हंगामा बढ़ता देख और पुलिस बुला ली गई। अजय दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़ा था। पढ़ाई छोड़ने के बाद किसी डाक्टर की गाड़ी चलाता था।