1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. रामगढ़झील में पल रहे खूबसूरत पक्षियों की रक्षा के लिए रुकवाया ये काम, जीडीए के अफसरों ने कहा-समाधान निकालेंगे

रामगढ़झील में पल रहे खूबसूरत पक्षियों की रक्षा के लिए रुकवाया ये काम, जीडीए के अफसरों ने कहा-समाधान निकालेंगे

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
रामगढ़झील में पल रहे खूबसूरत पक्षियों की रक्षा के लिए रुकवाया ये काम, जीडीए के अफसरों ने कहा-समाधान निकालेंगे

रामगढ़ झील में पक्षियों के लेइंग, लैंडिंग एवं हैचिंग साइट संरक्षित करने के आदेश का असर दिखने लगा है। इन दिनों पर्पल स्वैम्फ-हेन, ग्रे-हेरॉन, नाइट हेरॉन, पाण्ड हेरॉन, जकांना उर्फ जलकपोत, वॉटर हेन (पनमुर्गी), इग्रेट (बड़ा बगुला) और लेसर विसलिंग डक न केवल अच्छी संख्या में दिखाई दे रही, बल्कि बारिश के सीजन में अण्डे भी दे रही हैं। झील के दलदल वाले क्षेत्रों, कमल के फूल के पत्तों एवं जलकुम्भी पर दौड़ लगाते पक्षियों के छोटे बच्चे भी झुंड़ में दिख रहे है। लेकिन इन पक्षियों के बसेरे का संकट अब भी कम नहीं हुआ है।

रविवार को एक बार फिर बड़ी मशीन से उत्तर प्रदेश जल निगम के सीवेज पम्पिंग स्टेशन के नम्बर 2 के पिछले हिस्से से जलकुम्भी निकाली जा रही थी। इस स्थान पर काफी संख्या में पक्षियों ने डेरा डाला हुआ है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर धीरज सिंह, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर चंदन प्रतीक, हेरिटेज फोटोग्राफर संदीप श्रीवास्तव, हेरिटेज फाउंडेशन के नरेंद्र मिश्र, डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप कर काम रुकवा दिया। रेलवे कॉलोनी के पीछे बांध के साथ कुछ मछुआरों ने रात में मछलियों का शिकार किया जिसके कारण जलकुम्भी झील में फैल गई थी जिसे निकालने के लिए बड़ी मशीन रविवार को चलाई जा रही थी। 

प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार और जीडीए के उपाध्यक्ष ने जल निगम के अधिकारियों से बात कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। फिलहाल पक्षी प्रेमियों ने पैडलेगंज एसटीपी से 10 मीटर आगे तक स्थित पैच, मोहद्दीपुर आरकेबीके एजेंसी, रेलवे कॉलोनी के पीछे बांध, सहारा इस्टेट के निकट और प्राणी उद्यान के पीछे के पैच जिले पक्षी लेइंग, लैंडिंग एवं हैचिंग साइट के रूप में इस्तेमाल कर रहे संरक्षित करने एवं चेतावनी बोर्ड लगाने की अपील की है। 

झील को डम्पिंग ग्राउंड बनाने वालों पर हो कार्रवाई
रामगढ़ झील के निकट बनाए गए गजिबो में संचालित होने वाले फूड स्टॉल से काफी मात्रा में प्लास्टिक, इस्तेमाल की हुई पानी की बोतलें और खाद पदार्थ के अवशेष झील में डाले जा रहे हैं। रेलवे कॉलोनियों में रहने वाले लोग भी घर का कचरा झील में डाल रहे हैं। रविवार को निकाली गई जलकुम्भी के साथ काफी मात्रा में कचरा निकला। पक्षी प्रेमियों की मांग है कि ऐसे लोगों के खिलाफ नगर निगम को अभियान चला कर कार्रवाई करनी चाहिए।

जिन हिस्सों को पक्षी लेइंग, लैंडिंग और हैचिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें संरक्षित करने के लिए नो एक्टिविटी जोन का बोर्ड लगाया जाएगा। मछुआरे मछली पकड़ने के लिए नाव नहीं ले जा सकेंगे। लोगों को चाहिए कि झील में कूड़ा, कचरा और प्लास्टिक न डालें। नगर निगम को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...