आगरा में यमुना नदी के घाटों पर लगा श्रद्धा का मेला लोगों ने यमुना में तर्पण के साथ पितरों को किया नमन| हाथ जोड़कर लोगों ने पितरों से की गलती के लिए क्षमा याचना ताज नगरी में श्राद्ध के अंतिम दिन यमुना नदी में किया स्नान, ताजनगरी वासियों ने यमुना नदी में दीप जलाकर पुष्प अर्पित कर अपने पितरों को किया विदा|
हिन्दू धर्म मे पितर पक्ष का अपना एक अलग ही महत्त्व है।कहा जाता है कि पूर्वजो पितरों को पानी देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है दो सितम्बर से पितृपक्ष की शुरुआत हुई था जो आज गुरुवार को अम्बवस्या के दिन समाप्त हो रहा है जिसको लेकर हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार लोग अपने अपने पितरों को पानी देने के लिए घाटो के किनारे दिखाई दे रहे है इस दौरान पुरोहितों के मंत्रोचारण के साथ गंगा जल से खड़े होकर लोग पानी देकर अपने पूर्वजो को तृप्त करते हुए दिखाई दे रहे हिन्दू धर्म में ये मन्नता है की जो लोग अपने पुराजो को पानी देते है वह पूरे पंद्रह दिन तक दाढ़ी बाल नही कटवाते और अमावस्या के दिन पानी देने के बाद ही अपने दाढ़ी बाल कटवाते है वही घर मे मौजूद महिलाये श्रगार करती है।