कोविड के नाम पर मनमानी कीमत वसूलने वालों पर प्रशासन की नजर है। कोविड उपचार के लिए अधिक कीमत वसूलने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। कोविड नियंत्रण के लिए हुई बैठक में कमिश्नर और डीएम ने यह निर्देश दिए हैं। स्मार्ट सिटी मुख्यालय में यह बैठक हुई।
कमिश्नर मुकेश मेश्राम और डीएम अभिषेक प्रकाश ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि निजी संस्थानों और लैब की नियमित समीक्षा होनी चाहिए। कुछ लैब बिना अधिकृत अनुमति के कोविड टेस्ट कर रही हैं। ऐसी लैब पर कार्रवाई करें। कोरोना मरीजों की मौत की जांच भी नियमित रूप से होगी। डीएम ने सभी मौतों के विवरण मांगे हैं। इनमें मत्यु का कारण, पहले कौन सी बीमारियां थीं, रोगी कहां का मूल निवासी था जैसे सवालों के जवाब मांगे गए हैं।
इसके पूर्व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि कुछ निजी अस्पताल कोविड इलाज के लिए ज्यादा धन वसूल रहे हैं। डीएम ने अब इन अस्पतालों की जानकारी मांगी है। कमश्निर ने एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। इलाज के नाम पर वसूली रोकने के लिए अधिकतम शुल्क की दरें भी जिला प्रशासन तय करेगा।
पॉजिटव मिलने के बाद 17 दिन घर पर रहना होगा
पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीज को 10 दिन होम आइसोलेशन में बिताने होंगे। यानी इस अवधि में अपने घर में रहते हुए वह बाकी सदस्यों से अलग रहेगा। उसके बरतन अलग रखे जाएंगे। शौचालय-स्नानागार भी अलग होगा। इसके बाद सात दिन होम क्वारंटीन रहना होगा। इस अवधि में मरीज घर के अन्य सदस्यों के बीच उठ बैठ सकता है लेकिन बाहर नहीं जा सकेगा। इस तरह कुल 17 दिन मरीज को घर में ही रहना होगा।