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मेरठ से एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबों की देशभर में हो रही थी सप्लाई

By: RNI Hindi Desk 
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मेरठ से एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबों की देशभर में हो रही थी सप्लाई

एनसीईआरटी की कक्षा-दो से 12वीं तक की डुप्लीकेट किताबें मेरठ में छापकर इनकी सप्लाई देशभर के तमाम राज्यों में हो रही थी। एसटीएफ को कई बड़े विक्रेताओं के नाम-पते मिले हैं, जिनके यहां ये किताबें बिक रही थीं। ऐसे बुकसेलर भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।

परतापुर के गोदाम पर कार्रवाई के बाद एसटीएफ और पुलिस टीम मोहकमपुर में प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंची। टीम को कुछ इनवॉइस मिली हैं। एक इनवॉइस में दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-11 स्थित एएस इंटरप्राइजेज का नाम लिखा हुआ है। वहां माल सप्लाई होना दिखाया गया है। इसी तरह कुछ और किताब विक्रेताओं के नाम-पते एसटीएफ को मिल गए हैं। एसटीएफ मेरठ यूनिट के डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि उप्र, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पुणे, पंजाब, झारखंड, बिहार, जम्मू कश्मीर, बंगलुरू, हैदराबाद, जोधपुर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट किताबों की सप्लाई हो रही थी। बाकायदा इसके सुबूत मिले हैं। इसमें थोक और फुटकर विक्रेता भी जुड़े हुए हैं। ज्यादा कमीशन के लालच में वह डुप्लीकेट किताबों को खरीदकर ग्राहकों को बेच रहे थे।
कई विभाग जांच करेंगे
एसटीएफ डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह गोरखधंधा काफी बड़ा है। इसलिए इसकी जांच कई विभागों को करनी होगी। महत्वपूर्ण काम जीएसटी विभाग का होगा। इसके लिए संबधित विभागों को पत्र लिखा जा रहा है।

एसटीएफ के पहुंचने से पहले जलाई लाखों की किताबें
एसटीएफ और पुलिस का छापा लगते ही टीपीनगर थाना क्षेत्र के मोहकमपुर स्थित छपाई केंद्र पर मौजूद लाखों रुपये की किताबें और महत्वपूर्ण दस्तावेज जला दिए गए। माना जा रहा है कि आरोपियों ने सुबूत नष्ट करने का प्रयास किया है। फिलहाल छपाई केंद्र को सील कर दिया गया है।
एसटीएफ ने सबसे पहले परतापुर क्षेत्र में अछरौंडा-काशी मार्ग स्थित गोदाम पर छापा मारा। यहां से पता चला कि एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबों की छपाई मोहकमपुर में पब्लिकेशन हाउस पर होती है। शाम करीब पांच बजे एसटीएफ मोहकमपुर में प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंची। बराबर में खाली पड़े प्लॉट में बड़ी संख्या में किताबें और दस्तावेज जल रहे थे। आग बुझाने से पहले ही वह जल चुके थे।

पता चला कि जो किताबें जलाई गई हैं, उनके कवर पेज पर एनसीईआरटी प्रकाशन लिखा हुआ था। इसलिए सुबूत नष्ट करने की कोशिश की गई। एसटीएफ के जवान प्रिंटिंग प्रेस का गेट तोड़कर अंदर घुसे। यहां छह प्रिंटिंग मशीनें और करोड़ों रुपये की किताबें मिलीं। ज्यादातर किताबें तैयार हो चुकी थीं। सिर्फ कवर पृष्ठ की छपाई बाकी रह गई थी। माना जा रहा है कि इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों ने वही किताबें जलाई हैं, जिन पर एनसीईआरटी लिखा हुआ था। संभवत: उनका मकसद इस कार्रवाई से इस प्रिंटिंग प्रेस को बचाना रहा होगा। फिलहाल एसटीएफ ने प्रिंटिंग प्रेस को सील कर दिया है।

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