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डॉ.योगिता को आगरा में चलती कार के अंदर सिर, छाती और कंधे पर डॉ विवेक ने मारी थीं गोलियां

By: RNI Hindi Desk 
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डॉ.योगिता को आगरा में चलती कार के अंदर सिर, छाती और कंधे पर डॉ विवेक ने मारी थीं गोलियां

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या तीन गोलियां मारकर की गई थी। उरई, जालौन के मेडिकल ऑफीसर डॉक्टर विवेक तिवारी ने ही वारदात को अंजाम दिया था। उसने पुलिस को बताया कि गाड़ी में बैठते ही योगिता से झगड़ा हो गया था। उसने सिर, छाती और कंधे पर  गोलियां मारीं। उसके बाद मौत सुनिश्चित करने के लिए चाकू भी मारा। खून से सना चाकू डॉक्टर की कार से मिला है। हत्यारोपी डॉक्टर ने रिवाल्वर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर फेंक दी थी, जो अभी नहीं मिली है। डॉक्टर विवेक तिवारी को जेल भेज दिया गया। उसे रिमांड पर लिया जाएगा।

बुधवार की सुबह डौकी के बमरौली कटारा क्षेत्र में एक अज्ञात युवती का शव मिला था। दूसरी तरफ एमएम गेट थाना क्षेत्र में नूरी गेट निवासी डॉक्टर योगिता गौतम मंगलवार शाम साढ़े सात बजे से लापता थीं। इससे पहले उन्होंने दिल्ली अपने घर बात की थी। कहा था कि डॉ. विवेक तिवारी उन्हें धमकी दे रहा है। वह बहुत रो रही थीं। इसके बाद उनकी मां आशा गौतम और भाई डॉक्टर मोहिंदर कुमार गौतम, पिता अंबेश गौतम रात में ही आगरा आ गए थे। डॉ. योगिता नहीं मिलीं तो वे बुधवार को थाना एमएम गेट पहुंचे। वहां डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। बाद में बुधवार की शाम को डौकी में मिले शव की पहचान भाई ने डॉक्टर योगिता के रूप में की। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा हत्या में तरमीम कर दिया था। रात 11 बजे आगरा पुलिस ने डॉक्टर विवेक तिवारी को पकड़ लिया गया।

डॉ. योगिता को आगरा की सबसे पाॅश इलाके में चलती कार में डॉ विवेक ने मारी थीं गोलियां 
डॉक्टर योगिता गौतम को रात करीब पौने आठ बजे प्रतापपुरा चौराहे के पास चलती कार में गोलियां मारी गई थीं। हत्यारोपी विवेक ने पूछताछ में यह कबूल किया है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। रात सवा आठ बजे तक उसने शव ठिकाने लगा दिया था। इसके बाद वह इनररिंग रोड होता हुआ रात में सीधे उरई, जालौन जाकर रुका था। वहां से बुधवार तड़के कानपुर गया। वहां कार छिपाई। लौटकर उरई आ गया।

डॉक्टर विवेक तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह डॉ. योगिता से प्रेम करता था। सात साल से उनके बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों पहले शादी भी करना चाहते थे। तब उसने खुद ही शादी से इनकार कर दिया था। डॉ. योगिता से कहा था कि पहले बहन नेहा तिवारी की शादी करेगा। उसके बाद खुद शादी करेगा। डॉक्टर योगिता को लगता था कि वह उसे धोखा दे रहा है। इसलिए एक साल पहले योगिता ने उससे शादी से इनकार कर दिया। उस समय बहुत झगड़ा हुआ था। उस समय डॉ. विवेक ने उसे जैसे-तैसे मना लिया। इसके बाद भी दोनों के बीच इसी बात पर झगड़ा होता रहता था। कुछ दिन पहले योगिता ने उससे बात करना बंद कर दिया। कभी नहीं मिलने को कह दिया। फोन तक उठाना बंद कर दिया। घंटे-घंटे भर योगिता का मोबाइल बिजी आता था। उसे लगा कि उसकी जिंदगी में कोई और आ गया है। इसलिए उसने ठान लिया था कि अब योगिता नहीं छोड़ेगा। वह इसीलिए आगरा आया था।

बमरौली कटारा में डॉक्टर योगिता का शव मुख्य मार्ग से करीब एक किलोमीटर अंदर भूमिया कुंज कॉलोनी के पास खेत में फेंका गया था। डॉक्टर अपनी कार से वहां तक पहुंचा। सड़क पर एक जगह सीसीटीवी कैमरा लगा है। डॉक्टर की कार रात आठ बजकर पांच मिनट पर मुख्य मार्ग से अंदर गई थी। सवा आठ बजे लौटी। इससे पहले नूरी गेट में सीसीटीवी में शाम साढ़े सात बजे डॉक्टर योगिता घर से निकलती दिख रही हैं। घर के बाहर से ही वह डॉक्टर विवेक तिवारी की कार में बैठी थीं। विवेक ने बताया कि एमजी रोड पर दोनों के बीच चलती कार में झगड़ा हो रहा था। उस समय बारिश हो रही थी। प्रतापपुरा के पास उसने लगातार गोलियां योगिता के पिछले हिस्से में मारी थीं।

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