बलरामपुरः उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जेसीबी मशीन से पांच दलित परिवारों का मकान गिराए जाने के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया है. सीएम योगी ने लोक निर्माण विभाग से पूरी रिपोर्ट तलब की है.
इस मामले में पीडब्लूडी के अधिशाषी अभियन्ता समेत सात लोगों के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. 27 अगस्त को तुलसीपुर थाना क्षेत्र के देवीपाटन निवासी माता प्रसाद सहित पांच शिकायतकर्ताओ ने एसडीएम तुलसीपुर को दिये गये प्रार्थनापत्र में आरोप लगाया था कि पीडब्लूडी के अधिशाषी अभियन्ता मेघप्रकाश, सहायक अभियन्ता डीएन श्रीवास्तव व अन्य लोग जेसीबी लेकर पहुंचे और पाटन गांव के भूखण्ड संख्या 12 में बने पांच मकानों को ठहा दिया, जबकि इसी भूखण्ड में बने 11 अन्य मकानों को नहीं गिरया गया.
लोकनिर्माण विभाग की ओर से यह दलील दी गयी थी कि गिराए गये मकान का कुछ हिस्सा लोक निर्माणविभाग की जमीन पर बना हुआ था. लेकिन इस सम्बन्ध में पीडब्लूडी की ओर से मकान मालिक को कोई नोटिस नही दी गयी थी. 27 अगस्त को अचानक पीडब्लूडी के लोगों ने दिन में एक बजे जेसीबी से माता प्रसाद, प्रकाश, शंकर, राम करन और चिनगुद के मकान को गिरा दिया.
मकान गिराए जाने के बाद पीड़ित पक्ष की तहरीरपर तुलसीपुर थाने में अधिशाषी अभियन्ता मेघ प्रकाश, सहायक अभियन्ता डीएन श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता बेचन राम, अवर अभियन्ता अनुपम कुमार, कर्मचारी मो. शमी, प्रमोद कुमार और राजेश तिवारी के खिलाफ केस भी दर्ज हो गया था. इस मामले में डीएम कृष्ण करुणेश ने भी लोक निर्माण विभाग के अधिशाषीअभियन्ता मेघ प्रकाश की एक पक्षीय कार्रवाई को लेकर प्रमुख सचिव को कड़ा पत्र लिखा है.
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को लिखे गये पत्र में डीएम कृष्ण करुणेश ने लोकनिर्माण विभाग के प्रान्तीयखण्ड के अभियन्ता मेघप्रकाश की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण और विधिविरुद्ध बाताया है.
उन्होने कहा कि जिन दलितो के मकान गिराए गये है उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया. डीएम कृष्ण करुणेश ने अपने पत्र में लिखा है कि जिस गाटा संख्या में स्थित दलितों के मकान गिराए गये हैं उसी गाटा संख्या में 11 अन्य मकान बने हुये हैं जिन्हें नहीं गिराया गया.
जो अधिशाषी अभियन्ता द्वारा किये गये पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और मकान मालिकों से अवैध लाभ लिये जाने की सम्भावनाको भी दर्शाता है. डीएम ने लिखा है कि दलितों के मकान गिराए जाने के लिये अधिशाषी अभियन्ता मेघ प्रकाश उत्तरदायी हैं.
डीएम ने अधिशाषी अभियन्ता मेघप्रकाश सहति सभी दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई की संस्तुति की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गम्भीरता से लिया है. वहीं, मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग से 15 दिन के भीतर इस मामले में आख्या और प्रस्ताव तलब किया है.