बरेली: बरेली शहर की यातायात व्यवस्था को स्मूथ और सुविधाजनक बनाने के लिए बरेली रिंग रोड परियोजना को महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 800 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इन धनराशि का उपयोग किसानों को मुआवजा देने और सड़क निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए किया जाएगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
रिंग रोड 29.9 किलोमीटर लंबी होगी और इसका रूट झुमका तिराहा से बदायूं रोड, बुखारा मोड़, और इन्वर्टिस विश्वविद्यालय होते हुए लखनऊ रोड तक प्रस्तावित है।
भूमि अधिग्रहण
30 गांवों के 900 से अधिक किसानों से 187 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत 20 गांवों में अवार्ड प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, शेष 10 गांवों के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
संरचनात्मक विकास
एनएचएआइ अधिकारियों के अनुसार परियोजना के तहत 29.9 किमी. लंबे मार्ग में तीन रेलवे ओवरब्रिज, 17 अंडरपास और तीन चौराहे बनाए जाएंगे। चौराहा दंतिया, चौबारी व इन्वर्टिस के पास विकसित किया जाएगा। सभी कार्य एक ही परियोजना के तहत किए जाएंगे।
मुआवजा वितरण प्रक्रिया
परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के लिए 863 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
प्रथम चरण में 20 गांवों के किसानों को मुआवजा देने के लिए 200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने सड़क निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस परियोजना के तहत सभी कार्य एक ही चरण में पूरे किए जाएंगे।
विशेष लाभ
रिंग रोड के निर्माण से बरेली शहर के यातायात को बड़ी राहत मिलेगी।
यात्रा का समय घटेगा और वाहन प्रदूषण में कमी आएगी।
आसपास के गांवों और क्षेत्रों का विकास तेजी से होगा।
विशेषज्ञ टीम ने किया निरीक्षण
हाल ही में एनएचएआई मुख्यालय से आई विशेषज्ञ टीम ने परियोजना के मूल्यांकन की जांच की थी। अब धनराशि जारी होने के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आएगी।
परियोजना के साथ बरेली रिंग रोड शहर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी, जिससे यातायात के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।