देश के आखिरी गांव माणा पहुंचे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तराखंड यात्रा पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को देश के आखिरी गांव’ माणा पहुंचे। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भीम पुल एवं सरस्वती पुल का भी भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री योगी ने इस दौरान आईटीबीपी, गढ़वाल राइफल्स और बीआरओ के जवानों से मुलाकात की। उनके राष्ट्रसेवा भाव को नमन करते हुए जवानों का मुंह मीठा कराया। आईटीबीपी के जवानों ने मुख्यमंत्री को सलामी भी दी।
योगी ने कहा कि आईटीबीपी, बीआरओ तथा गढ़वाल राइफल्स के जवानों का उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों में अडिग रहकर इस सीमांत प्रदेश में देश की सुरक्षा करना प्रेरणास्पद है।
उन्होंने कहा, बद्रीनाथ धाम सनातन हिंदू धर्म का केंद्र है तो इस सीमांत गांव माणा में हमारे वीर जवान राष्ट्रधर्म का निर्वहन कर रहे हैं। आज वर्षो बाद बद्रीनाथ धाम के दर्शन के सुअवसर का लाभ मिला तो सैनिकों से मिलने का लोभ संवरण नहीं कर सका।
Uttarakhand: CM Trivendra Singh Rawat and Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath interact with security personnel at Mana village in Chamoli district pic.twitter.com/jESnx48lAW
— ANI (@ANI) November 17, 2020
दोनों मुख्यमंत्रियों को अपने बीच पाकर जवान भी खासे निहाल थे। जवानों ने भारत माता की जय’ के नारे के साथ दोनों का अभिनंदन किया।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्री बद्री विशाल के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर दोनों राज्य वासियों एवं सभी देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बदरीनाथ धाम में बर्फ के कारण यातायात एवं अन्य व्यवस्था सुचारु रखने के लिए जनपद चमोली को 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तराखंड के चारों धाम पर्यटन के विकास एवं श्रद्धालुओं की श्रद्धा व आस्था के सम्मान को ध्यान में रखते हुए आज की आवश्यकता के अनुरूप विकास की जिन नई ऊंचाइयों को छूते हुए दिखाई दे रहे हैं, वह अत्यंत सराहनीय एवं अभिनंदनीय है।
योगी ने कहा, उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि भी है, मैंने अपना बचपन उत्तराखंड में ही बिताया है। पिछले तीन दिनों से यहां के तीर्थस्थलों के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। यहां पर नया सीजन शुरू होने पर पर्यटन आवास गृह का कार्य भी प्रारंभ होगा। हमारा प्रयास है कि एक वर्ष के भीतर यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए।