उत्तर प्रदेश में आज योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया है। इस दौरान संसद में मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कहा कि, प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखकर समाज के प्रत्येक तबके के हितों को पर्याप्त स्थान देने के लिए मैं वित्त मंत्री सुरश कुमार खन्ना समेत पूरी टीम को उ.प्र. के इतिहास के सबसे बड़े बजट के लिए हृदय से बधाई देता हूं।
साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार के मूल बजट ने पहली बार ₹5 लाख करोड़ की सीमा को पार किया है। आज सदन में ₹5 लाख 12 हजार करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह बजट वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए बनाया गया है। हम, अपना राजकोषीय घाटा रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई सीमा अर्थात 3 प्रतिशत से नीचे 2.97 प्रतिशत पर रखने में सफल रहे हैं।
तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम की दृष्टि से तथा चौथा बजट प्रदेश की ऊर्जा के पर्याय युवाओं के लिए और उनकी असीम संभावनाओं को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए हमने प्रस्तुत किया है। हमने अपना प्रथम बजट किसानों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया था तथा दूसरा बजट प्रदेश के औद्योगिक विकास और प्रदेश में ढांचागत बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से प्रस्तुत किया था।
अपने पैरों पर खड़ा होने के इच्छुक हर शिक्षित बेरोजगार नौजवान के लिए हमने अप्रेंटिसशिप की योजना प्रारंभ की है। हर युवा किसी उद्यम से जुड़ेगा और अप्रेंटिसशिप पूरी होने की अवधि तक सरकार द्वारा उसे ₹2500 प्रतिमाह का सहयोग दिया जाएगा।
यूपी को शिक्षा का केंद्र बिंदु बनाने के लिए उच्च शिक्षा पर फोकस किया गया है। राज्य सरकार ने सहारनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ में नए विश्वविद्यालय स्थापित करने के साथ ही, लखनऊ में अटल मेडिकल विश्वविद्यालय को इस बजट का हिस्सा बनाया है। 8 मेडिकल काॅलेज निर्माणाधीन हैं।
जबकि 13 अन्य मेडिकल काॅलेजों के निर्माण के लिए हमने इस बजट में धनराशि की व्यवस्था कर दी है। मात्र तीन वर्षों के अंदर हम 28 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य करा रहे हैं। रायबरेली और गोरखपुर AIIMS में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, साथ ही 7 मेडिकल काॅलेज में प्रवेश प्रारंभ हो चुका है।