नई दिल्ली : अफगानिस्तान के पंजशीर में एक बार फिर तालिबान और अहमद मसूद समर्थकों के बीच भीषण जंग की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार रात को पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर कुछ अज्ञात सैन्य विमानों के जरिए हवाई हमले किए गए हैं। जिससे तालिबान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
पंजशीर के उप गवर्नर कबीर वासिक का दावा
अहमद मसूद समर्थक पंजशीर के उप गवर्नर कबीर वासिक ने दावा किया है कि पंजशीर और अंदराब में भीषण लड़ाई जारी है। मसूद के नैशनल रेजिस्टेंस फोर्स के हमले में तालिबान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस बीच सोशल मीडिया में कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें दिखाई दे रहा है कि भारी तादाद में तालिबान के लड़ाके पंजशीर और अंदराब की सड़कों पर मौजूद हैं।
He is deputy governor of Panjshir. pic.twitter.com/NSJwY5gMmD
— Tajuden Soroush (@TajudenSoroush) September 6, 2021
पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारेबाजी
इस बीच अज्ञात लड़ाकू विमानों के पंजशीर घाटी में तालिबान के ठिकानों पर हमला करने की भी खबरें आ रही हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि ये अफगान वायुसेना के पायलट हो सकते हैं जो तालिबानी हमले के बाद ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान चले गए थे। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों का दावा है कि पंजशीर घाटी में रात को तीन फाइटर जेट उड़ते दिखाई दिए।
सड़कों पर उतरे लोग
वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी में हुई तालिबान की खूनी हिंसा का भारी विरोध हो रहा है। सोमवार को लोग बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरे हैं और तालिबान के खिलाफ नारेबाजी की है। बताया जा रहा है कि इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं। इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ भी जोरदार नारे लगाए गए। पंजशीर में तालिबान कब्जे के पीछे पाकिस्तान और उसकी वायुसेना का हाथ बताया जा रहा है।
‘तालिबान ने किया सभी आठ जिलों पर कब्जा’
इससे पहले तालिबानी लड़ाकों ने दावा किया था कि वे पंजशीर की राजधानी बाजारक में दाखिल हो चुके हैं और अपना झंडा गाड़ दिया है। तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्विटर पर ऐलान किया कि तालिबान ने सभी आठ जिलों पर कब्जा कर लिया और लड़ाई जारी है। इससे पहले उन्होंने दावा किया कि रुखाह जिले में और पुलिस हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया और विद्रोही सेना के कई सैनिक मारे गए।
खून का आखिरी कतरा तक लड़ेंगे
हालांकि, पंजशीर में नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने तालिबान के कब्जे वाले दावे को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि तालिबान के खिलाफ वह तब तक लड़ेंगे जब तक उनके शरीर में खून का आखिरी कतरा बचा रहेगा।