भारत के इस्पात उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने बोकारो स्टील प्लांट के मेगा विस्तार योजना का अनावरण किया है। केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की, जिसमें ₹20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इस विस्तार से स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता 5.25 MTPA से बढ़कर 7.55 MTPA हो जाएगी, जिससे भारत की आत्मनिर्भर भारत योजना को मजबूती मिलेगी।
इस परियोजना से 2,500 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्टील उत्पादन बढ़ने से देश की औद्योगिक प्रगति को गति मिलेगी और तकनीकी उन्नति के कारण भारत इस्पात क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए और अधिक तैयार होगा।
4500 क्यूबिक मीटर का नया ब्लास्ट फर्नेस और अत्याधुनिक तकनीक
एच.डी. कुमारस्वामी ने विस्तार योजना का अनावरण करते हुए बताया कि प्लांट में नए 4500 क्यूबिक मीटर ब्लास्ट फर्नेस, थिन स्लैब कास्टिंग, डायरेक्ट रोलिंग सुविधा, कैल्सिनिंग प्लांट, स्टैम्प-चार्ज कोक ओवन बैटरी और सिंटर प्लांट की स्थापना की जाएगी। यह नई तकनीक उत्पादन की दक्षता और गुणवत्ता को और अधिक उन्नत बनाएगी।
PM मोदी के 2030 विजन के अनुरूप यह बड़ा कदम
केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना की महत्ता को बताते हुए कहा, “यह विस्तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 MTPA स्टील उत्पादन के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना से भारत इस्पात क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्थिति में आएगा।”
कोयला खदानों और वाशरी का भी हुआ निरीक्षण
इसके अलावा, एच.डी. कुमारस्वामी ने तसरा कोयला खदान और चासनल्ला वाशरी का भी दौरा किया, जिससे इस्पात उत्पादन के लिए आवश्यक कोयला आपूर्ति को सुचारू किया जा सके। बोकारो स्टील प्लांट ने 1965 में अपनी नींव रखी और 1972 में अपना पहला ब्लास्ट फर्नेस संचालन शुरू किया। इसकी शुरुआत में क्षमता 1.7 MTPA थी। इन वर्षों में, यह बढ़कर 5.25 MTPA हो गई है।