1. हिन्दी समाचार
  2. विदेश
  3. भारत की राह पर चला UAE, रचा पहले ही प्रयास में इतिहास

भारत की राह पर चला UAE, रचा पहले ही प्रयास में इतिहास

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
भारत की राह पर चला UAE, रचा पहले ही प्रयास में इतिहास

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: जय विज्ञान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना तब पूरा हुआ था। जब भारत ने मंगल पर अपना यान सफलता पूर्वक पहुंचाया था। 5 नवंबर 2013 को भारत ने मंगलयान को प्रक्षेपित किया था। जो लगभग एक साल बाद 24 सितंबर 2014 को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था। भारत के बाद संयुक्त अरब अमीरात की अंतरिक्ष एजेंसी ने इतिहास रचते हुए पहली ही कोशिश में अपने अंतरिक्षयान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया है।

आपतो बता दें कि यूएई का होप यान करीब एक लाख 20 हजार किलो मीटर  प्रति घंटे की रफ्तार से चक्‍कर लगा रहा है। होप यान को मंगल के गुरुत्वाकर्षण बल के पकड़ में आने के लिए यूएई के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्षयान के इंजन को करीब 27 मिनट तक चालू रखा।

यूएई के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, इस ऐतिहासिक क्षण के सफलता पर दुबई के शासक मोहम्मद बिन राशिद बिन मखतूम और अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी स्पेस एजेंसी का दौरा कर वैज्ञानिकों का हौसला आफजाई किया।

आपको बतादें कि यूएई ने अपने यान होप को मंगल ग्रह पर इसलिए भेजा है, कि वह अगले कुछ महीने तक मंग्रल ग्रह के वातावरण का अध्‍ययन करेगा। यूएई के इस मिशन का लक्ष्य मंगल ग्रह के पहले ग्लोबल मैप को तैयार करना भी है।

यूएई के लिए यह मिशन इसलिए खास है इसलिए भी है क्योंकि इससे पहले के रोवर मंगल के चक्कर ऐसे काटते थे कि वह दिन के सीमित वक्त में ही उसके हर हिस्से को मॉनिटर कर पाते थे। इससे अलग होप का ऑर्बिट अंडाकार है जिसे पूरा करने में इस रोवर को 55 घंटे लगेंगे। इसकी वजह से यह मंगल के हिस्सों पर दिन और रात में ज्यादा समय के लिए नजर रख सकेगा। मंगल के एक साल में यह हर हिस्से पर पूरे दिन नजर रखेगा।

यूएई का मकसद है कि इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में पेश करना । वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि “यूएई, अमेरिका और चीन का यान का मंगल तक पहुंचना दुनिया में बढ़ती रेस को दर्शाता है।“ उन्‍होंने कहा कि दुनिया की महाशक्तियां धरती के बाद अंतरिक्ष में अपना दबदबा स्‍थापित करना चाहती हैं। उन्‍होंने कहा कि एक महीने के अंदर तीन अंतरिक्ष यान का मंगल की कक्षा की ओर पहुंचना अप्रत्‍याशित है। इन सब यानों से हमारी मंगल ग्रह के बारे में जानकारी बढ़ेगी।

मंगल की घरती पर सफलता पूर्वक पहुंचने की बात करें तो अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है, जिसने मंगल पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है। आपको बता दें कि अमेरिका ने यह कमाल आठ बार किया। नासा के दो लैंडर वहां संचालित हो रहे हैं, इनसाइट और क्यूरियोसिटी। छह अन्य अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा से लाल ग्रह की तस्वीरें ले रहे हैं, जिनमें अमेरिका से तीन, यूरोपीय देशों से दो और भारत से एक है। चीन ने भी मंगल ग्रह के लिये रूस के सहयोग से प्रयास किया था, जो 2011 में नाकाम रहा था।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...